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“जिस पर किया था सबसे ज़्यादा भरोसा, उसी ने नोच डाला चेहरा” — चाचा से दो साल के प्रेम संबंध का खौफनाक अंत

सीधी, मध्यप्रदेश। रिश्तों की परिभाषा जब शर्मिंदा होती है, तो केवल इंसान नहीं, पूरी इंसानियत लहूलुहान हो जाती है। ऐसा ही एक झकझोर देने वाला मामला सीधी जिले के सेमरिया थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां एक किशोरी के साथ रिश्ते में चाचा लगने वाले युवक ने दो साल पुराने प्रेम संबंध को नकारने पर उसके साथ वहशियाना हरकत की।

प्रेम का अंत, हिंसा की शुरुआत

पीड़िता ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि सुबह करीब 5:30 बजे वह आरोपी के बुलावे पर घर के पीछे गई थी। वहां आरोपी ने जबरन उसके साथ भागने का दबाव बनाया। जब किशोरी ने मना किया और रिश्तों की मर्यादा की दुहाई दी, तो आरोपी दरिंदगी पर उतर आया।

पहले उसका हाथ मरोड़ा और तोड़ दिया, फिर किसी धारदार वस्तु से उसके कान पर वार किया। इतना ही नहीं, उसने चेहरे को नाखूनों से नोच-नोच कर उसे पहचानने लायक तक नहीं छोड़ा। वो सिर्फ लड़की नहीं थी—उसके विश्वास की हत्या हुई थी।

भरोसे का क़त्ल

यह मामला सिर्फ एक प्रेम प्रसंग नहीं, बल्कि एक भरोसे, सुरक्षा और रिश्तों के ताने-बाने का खौफनाक विघटन है। लड़की की हालत यह बयां कर रही थी कि दर्द केवल शरीर पर नहीं, आत्मा पर किया गया था।

किशोरी और आरोपी के बीच करीब दो वर्षों से संबंध थे। आरोपी, जो रिश्ते में उसका चाचा लगता था, लगातार उसे प्रेम संबंध के नाम पर अपने जाल में बांधे रहा। लेकिन जब लड़की ने समाज, परिवार और भविष्य के डर से खुद को पीछे खींचने का प्रयास किया, तब उसने ऐसा चेहरा दिखाया, जो राक्षसी प्रवृत्ति का प्रतीक बन गया।

परिजनों ने पहले छुपाया मामला

इस पूरी घटना को लेकर परिवार लोकलाज के डर से खामोश रहा। किसी ने पुलिस को नहीं बुलाया, इलाज तक में देरी हुई। लेकिन जब लड़की की हालत बिगड़ी, तब जाकर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और पुलिस को सूचना दी गई।

सेमरिया थाना प्रभारी पुष्पेंद्र सिंह ने स्वयं अस्पताल पहुंचकर किशोरी का बयान दर्ज किया। उन्होंने बताया कि आरोपी के खिलाफ धारा 323 (मारपीट), 294 (गाली-गलौज), 506 (जान से मारने की धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है और जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा।

सवालों के घेरे में समाज और कानून

  • क्या अब रिश्तों में भी बेटियों को शक की निगाह से देखना पड़ेगा?
  • क्यों एक लड़की के “ना” कहने का मतलब कुछ लोग अपनी हार और अपमान मान बैठते हैं?
  • क्या प्रेम का मतलब जबरदस्ती और हिंसा है?

न्याय की राह और समाज की जिम्मेदारी

यह घटना न केवल कानूनी रूप से एक गंभीर अपराध है, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी चेतावनी है। हमें यह समझने की ज़रूरत है कि ‘ना’ कहना किसी का अधिकार है, और उसका जवाब क्रूरता नहीं हो सकता।

प्रशासन से अपेक्षा है कि आरोपी को जल्द गिरफ़्तार कर सख्त से सख्त सज़ा दी जाए। साथ ही, समाज को भी यह समझने की जरूरत है कि परिवार की ‘इज्जत’ बचाने के चक्कर में चुप्पी अपराध को बढ़ावा देती है।

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यह सिर्फ एक लड़की की कहानी नहीं, हजारों किशोरियों की कहानी है, जो रिश्तों के नाम पर शिकार बनती हैं, और फिर चुपचाप सहती हैं। वक्त आ गया है कि भरोसे के नाम पर रिश्तों का शोषण करने वालों को कानून से पहले समाज ही बेनकाब करे।

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