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यूपी में 209 हिंदुओं की हत्या उन पर कभी दो शब्द…योगी आदित्यनाथ ने संभल दंगों का पूरा इतिहास बताया

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल हिंसा को लेकर एक बार फिर विपक्षी दलों पर हमला बोला और पूरे प्रदेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को उजागर किया। उन्होंने कहा कि संभल में हाल ही में हुई हिंसा के दोषियों को किसी भी हाल में नहीं बख्शा जाएगा। साथ ही, योगी ने यह भी कहा कि, “संभल सहित उत्तर प्रदेश में 1947 से अब तक 209 हिंदुओं की हत्या की गई है, लेकिन जो लोग आज संभल में मारे गए लोगों के लिए घड़ियालू आंसू बहा रहे हैं, उन्होंने इन हिंदुओं के लिए कभी एक शब्द भी नहीं कहा।

उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन, 16 दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बयान देते हुए प्रदेश के इतिहास में घटित दंगों का पूरा विवरण दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में विभिन्न समयों में हिंदू समाज पर बहुत बड़ी हिंसा हुई है, लेकिन उस समय विपक्ष ने कभी इसका विरोध नहीं किया।

योगी ने संभल हिंसा के संदर्भ में कहा, “संभल में माहौल खराब किया गया था और इस हिंसा में शामिल सभी दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी।” उन्होंने विपक्षी नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे केवल अपनी राजनीतिक हितों के लिए हिंसा के मामलों को तूल दे रहे हैं, जबकि हिंदुओं पर हुए अत्याचारों पर कभी कोई बात नहीं की गई।

योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी दंगों का इतिहास रहा है, जिसमें 1947 के बाद 209 हिंदुओं की हत्या की गई। उन्होंने विशेष रूप से 1970 और 1978 के दंगों का उल्लेख किया, जहां सैकड़ों हिंदू मारे गए थे, लेकिन उस समय किसी भी नेता ने इन घटनाओं पर संवेदना व्यक्त नहीं की।

योगी ने दंगों का विवरण देते हुए कहा:

  • 1970 में 19 लोग मारे गए थे।
  • 1972 में आजमगढ़ में 3 लोग मारे गए।
  • 1973 में बहराइच में 1, गोंडा में 1 और प्रयागराज में 2 लोग मारे गए।
  • 1974 में मेरठ में 8 और पीलीभीत में 3 की मौत हुई।
  • 1975 में कानपुर में 2, मुरादाबाद में 3 और बहराइच में 3 लोग मारे गए।
  • 1977 में बुलंदशहर में 2 और वाराणसी में 8 लोग मारे गए।
  • 1978 में मुरादाबाद में 19 और अलीगढ़ में 21 हिंदू मारे गए।

योगी ने कहा कि यह सिर्फ एक उदाहरण है कि किस तरह से हिंदुओं पर हिंसा हुई और उन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर मुस्लिम समुदाय के जुलूस से हिंसा हो सकती है, तो हिंदू शोभा यात्रा या जुलूस क्यों नहीं निकाली जा सकती।

मुख्यमंत्री ने कहा, “बहराइच में अगर मुस्लिम मोहल्ले से जुलूस निकल सकता है, तो हिंदू मोहल्ले से क्यों नहीं?” यह बयान राज्य में बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा और असहमति पर एक नया मोड़ है, जहां राजनीतिक दल अपनी-अपनी स्थिति का बचाव कर रहे हैं।

योगी आदित्यनाथ का यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि राज्य में हाल ही में हुए दंगों और हिंसा की घटनाओं पर उनकी सरकार की नीति सख्त होगी, और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

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