नई दिल्ली
छोटे कारोबारियों और निर्यातकों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी योजना तैयार की है। योजना के तहत 90 दिन तक के बकाया कर्ज पर ऋण गारंटी सुविधा दी जाएगी और एमएसएमई के लिए बिना गारंटी (कोलेटरल-फ्री) लोन की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी जाएगी। इसके साथ ही वाणिज्य मंत्रालय 50 नए देशों में निर्यात बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहा है, जिससे अमेरिका के बढ़े हुए टैरिफ से होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सके।
निर्यात बढ़ाने की योजना
अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद भारत ने अपने निर्यात को विविध और सुरक्षित बनाने के लिए कदम तेज कर दिए हैं। वाणिज्य मंत्रालय पहले से ही 20 देशों में निर्यात बढ़ाने पर काम कर रहा था, लेकिन अब 30 और देशों को इसमें जोड़ा गया है। इनमें मिडिल ईस्ट, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, यूरोप और अन्य क्षेत्रों के देश शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, भारत के कुल निर्यात में इन 50 देशों की हिस्सेदारी करीब 90% है। मंत्रालय में लगातार बैठकों का दौर चल रहा है, जिसमें यह तय किया जा रहा है कि किस देश में किस प्रोडक्ट की सबसे ज्यादा मांग है और वहां तक माल पहुंचाने का सबसे तेज व किफायती तरीका क्या होगा।
- इंजीनियरिंग गुड्स के लिए नए टारगेट देश: मकाऊ, जॉर्जिया, नॉर्वे, ग्रीस
- फूड व एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स के लिए: नाइजीरिया, ब्राजील, कनाडा, स्विट्जरलैंड, मेक्सिको
- कपड़ा उद्योग के लिए: यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के बाजार
एमएसएमई के लिए बड़ी राहत
घरेलू उद्योग, खासकर माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइज (MSME) सेक्टर को मजबूती देने के लिए सरकार बिना गारंटी लोन की सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने की तैयारी में है। यह बदलाव क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत किया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए अलग से कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी, केवल अधिसूचना जारी होते ही नई सीमा लागू हो जाएगी। इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय, आरबीआई और बैंकों के बीच सहमति बन चुकी है और संसद का मौजूदा सत्र खत्म होते ही इसे लागू करने की योजना है।
90 दिन तक के बकाया कर्ज पर गारंटी सुविधा
वित्त मंत्रालय ने छोटे व्यवसायों को राहत देने के लिए बैंकों को 10–15% तक ऋण गारंटी देने का प्रस्ताव रखा है। यह सुविधा 5 अरब रुपये तक के कारोबार वाले संकटग्रस्त छोटे उद्यमों को दी जाएगी।
वित्त मंत्री ने बजट 2025-26 में भी घोषणा की थी कि छोटे निर्यातकों को टर्म लोन दिए जाएंगे, जिन पर सरकार 70–75% तक गारंटी देगी। उम्मीद है कि नई क्रेडिट गारंटी स्कीम और टर्म लोन सुविधा मिलकर MSME सेक्टर को बड़ी राहत देंगी।
अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर फिलहाल टली
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हालात बदल रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने का फैसला 90 दिन के लिए टाल दिया है। अमेरिका-चीन टैरिफ की नई डेडलाइन अब 9 नवंबर तक बढ़ गई है।
वर्तमान में अमेरिका ने चीन पर 30% और चीन ने अमेरिका पर 10% टैरिफ लगाया हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका कई उद्योगों के कच्चे माल और पार्ट्स के लिए चीन पर निर्भर है, इसलिए व्यापारिक टकराव उसे महंगा पड़ सकता है।
सोयाबीन को लेकर नई पहल
ट्रंप ने चीन से अमेरिकी सोयाबीन खरीदने की अपील भी की है। उनका कहना है कि चीन में सोयाबीन की कमी है और अमेरिकी किसान इसका उत्पादन बड़ी मात्रा में करते हैं। अगर चीन अमेरिकी सोयाबीन का आयात चार गुना कर दे तो दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा काफी कम हो सकता है।
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सरकार की यह बहुआयामी रणनीति—निर्यात बाजार का विस्तार, MSME को आसान लोन, और बकाया कर्ज पर गारंटी— न सिर्फ छोटे कारोबारियों को राहत देगी बल्कि भारत को वैश्विक व्यापार में मजबूत स्थिति दिलाने में मदद करेगी।