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GST सुधारों से सस्ती होंगी रोजमर्रा की जरूरतें: दूध-घी से लेकर मोबाइल और कार-बाइक तक

नई दिल्ली।
देशभर के उपभोक्ताओं और छोटे व्यवसायों के लिए बड़ी राहत की खबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से अपने संबोधन में GST सुधारों की घोषणा की थी, जिसे उन्होंने दीवाली का तोहफा बताया। अब जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में इस पर मुहर लगने की पूरी उम्मीद है।

वर्तमान में देश में GST की चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) हैं। सरकार इन्हें घटाकर सिर्फ दो – 5% और 18% – करने की योजना बना रही है। 12% और 28% स्लैब को हटाने का प्रस्ताव पहले ही ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की बैठक में पास हो चुका है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में चल रही बैठक में इसका अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

डेयरी और खाद्य उत्पाद होंगे सस्ते

बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया है कि घी, मक्खन, पनीर और दूध पाउडर पर लगने वाले 12% और 18% टैक्स को घटाकर 5% कर दिया जाए। वहीं UHT दूध और कुछ पैकेज्ड डेयरी उत्पादों को शून्य टैक्स स्लैब में लाने पर चर्चा है। पहले से ही ताजा दूध और बिना ब्रांड वाला पनीर GST से मुक्त हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि घी, जिसका कारोबार सालाना लगभग 35,000 करोड़ रुपये है, इस सुधार से सबसे ज्यादा प्रभावित होगा।

इलेक्ट्रॉनिक्स पर राहत

मोबाइल फोन, टीवी (32 इंच से ऊपर), एसी, फ्रिज और वॉशिंग मशीन जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स पर वर्तमान में 28% GST लगता है। प्रस्ताव है कि इन्हें 18% स्लैब में लाया जाए। इससे इनकी कीमतों में 1,500 से 2,500 रुपये तक की गिरावट संभव है। इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को भी नई गति मिलेगी।

ऑटोमोबाइल सेक्टर को मिलेगा फायदा

ऑटोमोबाइल उद्योग, जो लंबे समय से मंदी का सामना कर रहा है, को भी बड़ी राहत मिल सकती है।

350cc तक की बाइकों पर GST 28% से घटाकर 18% किया जा सकता है।

350cc से ऊपर की बाइकों पर अभी 31% (28% + 3% सेस) टैक्स है, जिसे घटाकर 18% करने का प्रस्ताव है।

छोटी कारों पर भी 28% की बजाय 18% GST लगाया जा सकता है।

इलेक्ट्रिक बाइकों पर पहले से ही केवल 5% GST है, जो हरे-भरे विकल्पों को प्रोत्साहन देगा।

पैकेज्ड फूड और शिक्षा सामग्री

नमकीन, चिप्स, पास्ता, नूडल्स, जैम, केचप और पैकेज्ड जूस जैसी वस्तुओं पर वर्तमान 12% और 18% टैक्स को घटाकर 5% करने का प्रस्ताव है। साथ ही किताबें, नोटबुक, पेंसिल शार्पनर जैसी शैक्षिक सामग्री और हैंडलूम उत्पादों को पूरी तरह टैक्स फ्री करने की योजना है। इससे छात्रों और कारीगरों दोनों को लाभ होगा।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग 47 वस्तुओं को शून्य टैक्स स्लैब में लाया जा सकता है। यानी उपभोक्ताओं को इन पर कोई GST नहीं देना होगा। हालांकि आधिकारिक पुष्टि बैठक के बाद ही होगी।

दीवाली से पहले आम आदमी को तोहफा

सरकार का दावा है कि GST 2.0 का उद्देश्य टैक्स ढांचे को सरल और पारदर्शी बनाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सुधार किसानों, मध्यम वर्ग, छोटे उद्योगों और आम परिवारों के बजट को राहत देंगे। वित्त मंत्री सीतारमण के अनुसार, इन बदलावों से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और उपभोक्ता को सीधे तौर पर लाभ पहुंचेगा।

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