बहरी – तहसील बहरी के ग्राम खुटेली में दबंगों ने न्यायालय तहसीलदार बहरी द्वारा जारी स्थगन आदेश की खुलेआम अवहेलना की है, जिससे क्षेत्र में तनाव और विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रेमलाल बसोर, मुन्नीलाल बसोर और उनके परिवार के सदस्य अपनी पुश्तैनी जमीन पर खेती कर रहे हैं और खेत की सुरक्षा के लिए चारों ओर वारी (बाड़) लगाई हुई थी। यह जमीन खसरा क्रमांक 981 में आती है और इसका कुल क्षेत्रफल 0.33 हेक्टेयर है।
हाल ही में शोभनाथ बसोर, गोपाल बसोर, सीताराम बसोर और सरोज बसोर ने प्रेमलाल बसोर की बाड़ी हटाकर अपनी निस्तार की सुविधा के लिए निकास बना लिया था। इस पर प्रेमलाल बसोर ने 30 जुलाई 2024 को न्यायालय तहसील बहरी में स्थगन का आवेदन प्रस्तुत किया था। भू राजस्व संहिता की धारा 250 और 250(3) के तहत न्यायालय ने स्थगन आदेश जारी किया और इसकी प्रतिलिपि थाना प्रभारी और हल्का पटवारी को सौंप दी गई थी।

स्थगन आदेश के बावजूद, दबंग अनावेदक गणों ने अपनी दबंगई दिखाते हुए न केवल न्यायालय के आदेश को नजरअंदाज किया बल्कि मौके पर जाकर बाड़ी को हटा दिया। यह कदम उठाकर उन्होंने स्पष्ट रूप से यह दर्शाया कि वे किसी भी सरकारी आदेश की परवाह नहीं करते।
बहरी मीडिया से बातचीत
प्रेमलाल बसोर ने इस घटना के बाद मीडिया से बातचीत में चिंता व्यक्त की और कहा, “यदि इस तरह की प्रक्रिया जारी रही तो क्षेत्र में गंभीर विवाद उत्पन्न हो सकता है। हमारी पुश्तैनी जमीन की सुरक्षा और हमारे अधिकारों की रक्षा के लिए हमें उचित न्याय की उम्मीद है।”
स्थगन आदेश की अवहेलना के इस मामले पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे ग्रामीणों में सरकार और प्रशासन के प्रति नाराजगी और अविश्वास की भावना बढ़ती जा रही है।
क्षेत्रीय अधिकारी और संबंधित विभागों को इस मामले पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि किसानों और स्थानीय निवासियों की समस्याओं का समाधान हो सके और कानून की विजय सुनिश्चित की जा सके।
इस घटना ने क्षेत्रीय सुरक्षा, न्याय और प्रशासन के प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, और यह देखना होगा कि संबंधित विभाग किस तरह से इस मुद्दे का समाधान निकालते हैं।