मध्य प्रदेश के चंबल में एक बार फिर गोलीबारी की घटनाओं ने सबका ध्यान खींचा है। विजयपुर क्षेत्र के इकलौद गांव में रक्षा बंधन के मौके पर आयोजित मटकी फोड़ प्रतियोगिता में गोलीबारी की एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें लोगों को मटकियों को फोड़ने के लिए बंदूकों से गोलियां चलाते हुए देखा जा सकता है।


मटकी फोड़ प्रतियोगिता में गोलियों की बौछार
रक्षा बंधन के दिन 19 अगस्त को आयोजित इस प्रतियोगिता में गांव की नदी के किनारे मटकियों को तोड़ने की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस बार प्रतियोगिता में बदलाव करते हुए मटकियों को लाठी-डंडे या नारियल की बजाय बंदूकों से फोड़ा गया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि नदी में रखी गईं मटकियों को निशाना बनाकर कई लोग बंदूकों से फायरिंग कर रहे हैं। इस असामान्य और खतरनाक परंपरा में युवाओं, बुजुर्गों के साथ-साथ कई नाबालिगों ने भी भाग लिया।

सुरक्षा की अनदेखी और प्रशासन की चुप्पी
वायरल वीडियो में साफ तौर पर यह देखा जा सकता है कि सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे और इस दौरान कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था। विजयपुर अनुभाग के एसडीओपी पीएन गोयल ने इस घटना की जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर की है। उन्होंने कहा, “वीडियो मेरे संज्ञान में नहीं आया है और न ही मुझे ऐसी किसी प्रतियोगिता की जानकारी है। अगर ऐसा कोई वीडियो वायरल हुआ है, तो मैं इसे देखूंगा और जो भी कार्रवाई होगी, की जाएगी।”https://g.co/kgs/zRHkp9G

हालांकि, हर्ष फायरिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध होने के बावजूद इस घटना ने सुरक्षा के मानकों की गहरी चिंता पैदा कर दी है। अब सवाल यह है कि जब प्रशासन इस प्रकार की गतिविधियों पर नकेल कसने में असफल है, तो क्या यह परंपरा समाज में और अधिक खतरनाक रूप ले सकती है?
समाज और प्रशासन के लिए चुनौती
इस घटना ने एक बार फिर यह प्रश्न खड़ा किया है कि क्या परंपराओं को निभाने के नाम पर लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालना सही है? स्थानीय प्रशासन की ओर से इस घटना पर उचित कार्रवाई न किए जाने की स्थिति में, आगे चलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता होगी।

