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बहरी:-पतुलखी में झोलाछाप डॉक्टर की चल रही अवैध क्लिनिक, अधिकारियों का संरक्षण संदिग्ध

सीधी:– मध्य प्रदेश के सीधी जिले के बहरी तहसील अंतर्गत पतुलखी में एक झोलाछाप डॉक्टर द्वारा बिना किसी मान्यता के संचालित क्लिनिक की खबर ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कोटा के सामने स्थित इस क्लिनिक के बारे में स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह बिना किसी रजिस्ट्रेशन और वैध दस्तावेज के काम कर रहा है, और अधिकारियों का इस पर कोई ठोस कदम न उठाना यह दर्शाता है कि क्लिनिक को कहीं न कहीं प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है।

रिपोर्ट :- दिनेश द्विवेदी “संवाददाता WPT News24

पतुलखी ग्राम पंचायत के उचित मूल्य दुकान के सामने स्थित यह अवैध क्लिनिक दिन-रात मरीजों से मनमाना पैसा वसूल रहा है। यहां न तो किसी प्रकार का रजिस्ट्रेशन बोर्ड है, और न ही चिकित्सा के किसी मानक का पालन किया जा रहा है। इसके बावजूद, यह क्लिनिक खुला और सक्रिय है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि स्थानीय अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है।

स्थानीय निवासियों और ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सड़क किनारे चल रहे झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार के बावजूद, अधिकारी और कर्मचारी मामले की गंभीरता को समझने के बजाय आंखों पर पट्टी बांधे हुए हैं। यह स्थिति प्रश्न उठाती है कि कहीं न कहीं इन अवैध क्लिनिकों को प्रशासनिक संरक्षण तो नहीं मिल रहा है। यही वजह है कि झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं और कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस मामले पर ठोस कदम नहीं उठा रहा है।

बहरी क्लिनिक संचालक के खिलाफ शिकायत

क्लिनिक संचालक के खिलाफ शिकायतें पहले भी दर्ज की जा चुकी हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। कई बार स्थानीय लोगों ने प्रशासन को इस अवैध क्लिनिक के बारे में सूचित किया, लेकिन इस पर कोई भी ध्यान नहीं दिया गया। इससे यह भी संकेत मिलता है कि कुछ अधिकारियों के बीच मिलीभगत हो सकती है, जो इन अवैध गतिविधियों को संरक्षण दे रही है।

इस मामले की जांच के दायरे में लाया गया है और वरिष्ठ अधिकारियों से अपेक्षा की जा रही है कि वे उचित कार्रवाई करें। यदि जांच के दौरान यह पाया जाता है कि क्लिनिक अवैध रूप से चल रहा है और इसे प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है, तो इसके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे। इस संदर्भ में विभागीय जांच शुरू कर दी गई है और संबंधित अधिकारी इस मामले पर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।

ग्रामवासियों की चिंता बढ़ती जा रही है क्योंकि उन्हें चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि जब तक इस अवैध क्लिनिक पर ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा की अनदेखी की जाती रहेगी।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वरिष्ठ अधिकारी इस मामले पर कितनी तत्परता दिखाते हैं और क्या इस अवैध क्लिनिक के खिलाफ शीघ्र और प्रभावी कदम उठाए जाते हैं। अगर कार्रवाई की जाती है, तो यह संकेत होगा कि प्रशासन अपने कर्तव्यों को निभाने में संजीदा है, लेकिन यदि इसे यूं ही टाल दिया जाता है, तो यह स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारियों और प्रतिबद्धता पर गंभीर सवाल उठाएगा।

अंततः, यह मामला आने वाले दिनों में यह तय करेगा कि क्या अधिकारियों की ओर से अपेक्षित कार्रवाई की जाती है या फिर यह मामला भी पूर्व की तरह ठंडे बस्ते में चला जाता है।

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