Chattarpur छतरपुर, 25 अगस्त 2024: मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की सिटी कोतवाली थाने में 21 अगस्त की दोपहर करीब 4 बजे पत्थरबाजी की घटना ने एक बार फिर क्षेत्र की सुर्खियों में जगह बना दी है। इस हिंसक घटना में हाजी शहजाद अली को मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया गया है, जबकि 150 से अधिक लोगों पर FIR दर्ज की गई है। इनमें से करीब 50 लोग नामजद हैं, जबकि अन्य की पहचान वीडियोग्राफी के माध्यम से की जा रही है। इस घटना में अब तक 32 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, लेकिन हाजी शहजाद अली पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
अपराध की दुनिया में कैसे उठाया इन्होंने अपना कदम
हाजी शहजाद अली, जिन्होंने करीब 25 साल पहले छतरपुर के नए मोहल्ले में अपने पिता जहूर अली के साथ टैक्सी चलानी शुरू की थी, आज एक अपराध साम्राज्य के प्रमुख के रूप में उभर चुके हैं। शुरूआत में टैक्सी चालक और पुराने कपड़े बेचने से लेकर आज करोड़ों के मालिक बनने तक की यात्रा ने उन्हें एक रहस्यमय और विवादास्पद व्यक्तित्व बना दिया है। शहजाद अली ने अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को अपने पक्ष में किया और धीरे-धीरे समाज का नेता बन गया।https://youtu.be/KNx12NPSxZg?si=VJGmCaYsx10sHJvt
राजनीतिक करियर और विवाद
शहजाद अली और उनके भाई आजाद अली, फैयाज अली ने कांग्रेस पार्टी जॉइन की और पार्टी में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे। जहां आजाद अली पिछले पांच बार से पार्षद चुने जा रहे हैं, वहीं शहजाद अली कांग्रेस के पूर्व जिला उपाध्यक्ष रहे हैं। फैयाज अली भी पार्टी में सक्रिय रहे हैं। हालांकि, शहजाद अली का नाम विवादों से भी जुड़ा है, जिनमें 1998 में साइकिल व्यापारी बुल्ले जैन की हत्या और 2016 में मारपीट का मामला शामिल है।
अवैध कब्जे और सरकारी संपत्तियों पर नजर
शहजाद अली और उनके भाइयों ने छतरपुर शहर की कई कीमती जमीनों पर कब्जा जमा रखा है और सरकारी संपत्तियों पर भी उनका कब्जा रहा है। आरोप है कि इन लोगों ने सरकारी और लोगों की जमीनों पर कब्जा जमाया और कोर्ट के फैसलों के बावजूद संपत्तियां नहीं छोड़ी। इसके अलावा, राजस्व विभाग और वन विभाग की भूमियों पर भी कब्जा किया गया है।
हवेली की शानदार लेकिन विवादित सूरत
शहजाद अली की 10 करोड़ की हवेली, जिस पर हाल ही में प्रशासन का बुलडोजर चला, वह आलीशान सुविधाओं से लैस थी। लखनऊ से लाए गए टाइल्स, दुबई से आयी झूमर और अन्य भव्य वस्तुएं इस हवेली की भव्यता को दर्शाती थीं। लेकिन प्रशासन ने हवेली को गिरा दिया, जिससे एक बार फिर शहजाद अली के साम्राज्य की असलियत सामने आई है।
इस पूरी घटना ने हाजी शहजाद अली को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है, और उनकी पूरी क्राइम हिस्ट्री ने लोगों को उनके प्रभाव और विवादित अतीत के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है। पुलिस अब भी उनकी तलाश में जुटी है और छतरपुर में इस मामले की गूंज जारी है।