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IIT Jodhpur में डायरेक्टर और सहायक प्रोफेसर के बीच विवाद: परस्पर FIR, डीसीपी ने लिया मौके पर जायजा

जोधपुर राजस्थान के जोधपुर में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में बुधवार को अचानक हुए विवाद ने प्रशासनिक और शैक्षणिक हलकों में हड़कंप मचा दिया। इस घटना में संस्थान के डायरेक्टर प्रोफेसर अविनाश कुमार अग्रवाल और सहायक प्रोफेसर डॉ. दीपक कुमार अरोड़ा के बीच झड़प हुई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ परस्पर FIR दर्ज कराई है, जबकि मौके पर डीसीपी जोधपुर भी पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।

किसने किस पर लगाया आरोप?

पुलिस सूत्रों के अनुसार, कुल सचिव अंकुर गुप्ता ने डायरेक्टर प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल की ओर से शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया है कि डॉ. दीपक कुमार अरोड़ा ने डायरेक्टर पर हमला किया, जिससे उनके पांव में चोटें आईं। इसके अलावा आरोप लगाया गया कि डॉ. अरोड़ा ने राजकार्य में बाधा डाली और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर अपमान किया।

वहीं दूसरी ओर डॉ. दीपक कुमार अरोड़ा ने भी अपने खिलाफ किए गए हमले का जवाब देते हुए FIR दर्ज कराई। उन्होंने डायरेक्टर अविनाश कुमार अग्रवाल और उनके सहयोगियों पर बंधक बनाने, मारपीट करने और संस्थान के कामकाज में बाधा डालने का आरोप लगाया। इस झड़प में डॉ. अरोड़ा को भी चोटें आई हैं।

डीसीपी ने लिया जायजा

घटना की सूचना मिलते ही डीसीपी जोधपुर तुरंत IIT परिसर पहुंचे और स्थिति का निरीक्षण किया। डीसीपी ने मौके पर दोनों पक्षों के बयान लिए और सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मामले की गंभीरता को रेखांकित किया। अधिकारियों के अनुसार, पुलिस अब दोनों FIR की जांच में जुटी हुई है और जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

IIT प्रशासन की स्थिति

हालांकि इस पूरे विवाद पर IIT प्रशासन और दोनों पक्षों के अधिकारी फिलहाल चुप्पी साधे हुए हैं। संस्थान की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। प्रशासन ने केवल इतना कहा है कि मामले की जांच जारी है और किसी भी पक्ष को निष्पक्ष रूप से सुनवाई का अवसर दिया जाएगा।

विवाद के कारणों की जांच

बताया जा रहा है कि यह झड़प कुछ आंतरिक संस्थागत मामलों और प्रशासनिक निर्णयों को लेकर हुई। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विवाद कैसे हिंसक रूप तक पहुंचा। हालांकि, दोनों पक्षों की चोटें और आरोप-प्रत्यारोप ने इसे गंभीर मामला बना दिया है।

शैक्षणिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा

IIT Jodhpur जैसी उच्च शिक्षा संस्थान में इस तरह की झड़प ने प्रशासनिक स्तर पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिक्षकों और अधिकारियों के बीच मतभेद का हिंसक रूप लेना न केवल संस्थान की छवि को प्रभावित करता है बल्कि छात्रों और अन्य कर्मचारियों के लिए भी चिंता का विषय बन गया है।

पुलिस जांच और आगे की कार्रवाई

करवड़ पुलिस स्टेशन में दर्ज दोनों FIR की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने कहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरी तरह निष्पक्ष जांच की जाएगी। जांच में घटना के सभी पहलुओं, वीडियो और गवाहों के बयान शामिल किए जाएंगे।

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IIT Jodhpur में हुए इस विवाद ने एक बार फिर यह दिखाया है कि प्रशासनिक और अकादमिक मतभेद अगर समय पर सुलझाए नहीं जाएं तो ये हिंसक रूप भी ले सकते हैं। दोनों पक्षों की चोटें और परस्पर FIR दर्ज कराना इस बात का संकेत है कि मामले को सुलझाने के लिए पुलिस और संस्थान दोनों की सक्रिय भूमिका आवश्यक है।

जांच के परिणाम और प्रशासनिक कदम आगामी दिनों में संस्थान और राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण संकेत देंगे।

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