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Mp News:-गुना जिले में विवाहिता का अपहरण कर दो माह तक बंधक बनाकर बलात्कार: आरोपी गिरफ्तार

Mp News: गुना जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक विवाहिता का अपहरण कर उसे दो माह तक बंधक बनाकर दुष्कर्म किया गया। पुलिस ने इस मामले में सघनता से कार्यवाही करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। महिला थाना प्रभारी प्रियंका तिवारी और उनकी टीम की मेहनत से आरोपी को लगभग चार महीने की फरारी के बाद पकड़ा गया।

Mp News: घटना की जानकारी

घटना के अनुसार, 15 मई को आरोन थाना क्षेत्र की एक विवाहिता ने जिले के महिला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। महिला ने बताया कि 1 मार्च को भोला कुशवाह, निवासी ग्राम दुनाई, थाना मियां, ने उसे और उसके बच्चों को जान से मारने की धमकी देकर अपहरण कर लिया। इसके बाद, भोला कुशवाह ने उसे दो माह तक बंधक बना कर रखा और उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया।

विवाहिता ने बताया कि जब भी उसने वहां से भागने की कोशिश की, तो भोला कुशवाह ने उसे मारपीट कर रोकने की कोशिश की। एक दिन मौका मिलते ही, विवाहिता ने वहां से भागकर अपने पिता के घर पहुंचकर पूरी घटना की जानकारी दी। इसके बाद, महिला थाने में आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया और विवेचना शुरू की गई।

पुलिस की कार्रवाई

महिला थाना प्रभारी प्रियंका तिवारी और उनकी टीम ने इस गंभीर मामले को पूरी गंभीरता से लिया। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने अपने मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया और उसकी लगातार तलाश की। इस सख्त निगरानी और खोजबीन के परिणामस्वरूप, 8 सितंबर को पुलिस को आरोपी भोला कुशवाह के बारे में मुखबिर से महत्वपूर्ण सूचना मिली।

सूचना के आधार पर, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी भोला उर्फ भोलाराम पुत्र राजाराम कुशवाह, उम्र 33 साल, निवासी ग्राम दुनाई, थाना मियां, जिला गुना को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

समाज में जागरूकता

इस मामले ने स्थानीय समाज में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर चिंता को और बढ़ा दिया है। इस घटना ने यह दर्शाया है कि ऐसे जघन्य अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कितनी जरूरी है। पुलिस द्वारा की गई त्वरित और प्रभावी कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि समाज में सुरक्षित वातावरण बनाए रखना केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सभी नागरिकों की भी है।

महिला थाना प्रभारी प्रियंका तिवारी और उनकी टीम ने इस मामले को प्राथमिकता देते हुए आरोपी की गिरफ्तारी सुनिश्चित की, जिससे पीड़िता को न्याय मिल सके। इस मामले ने यह भी संकेत दिया है कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सतर्कता बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले की गंभीरता से जांच किए जाने और आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाने की उम्मीद है। साथ ही, यह घटना अन्य अपराधियों के लिए एक संदेश भी है कि कानून के हाथ लम्बे होते हैं और जघन्य अपराधों के लिए कोई भी बख्शा नहीं जाएगा।

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