बेंगलुरु। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 का फाइनल मैच रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेला गया था। उस ऐतिहासिक रात को आरसीबी ने 17 साल लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अपना पहला खिताब जीता था। मैदान पर खिलाड़ियों और दर्शकों के चेहरे पर खुशी झलक रही थी। लेकिन इस खुशी को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुए हादसे ने गहरे ग़म में बदल दिया।
जश्न के दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना ने जीत की चमक को धूमिल कर दिया। लंबे समय तक इस हादसे पर आरसीबी खामोश रही, लेकिन अब टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है।
विराट कोहली का भावुक संदेश
हादसे के पूरे तीन महीने बाद विराट कोहली ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक लंबा पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा,
“ज़िंदगी में कुछ भी आपको 4 जून जैसे दिल तोड़ने वाले दिन के लिए तैयार नहीं करता। यह दिन हमारी फ्रैंचाइज़ी के इतिहास का सबसे खुशी भरा पल होना चाहिए था, लेकिन यह एक त्रासदी में बदल गया। मैं उन परिवारों के बारे में लगातार सोच रहा हूँ जिन्होंने अपने अपनों को खो दिया और उन प्रशंसकों के लिए प्रार्थना कर रहा हूँ जो घायल हुए। आपका नुकसान अब हमारी कहानी का हिस्सा है। हम सब मिलकर आगे बढ़ेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि देखभाल, सम्मान और जिम्मेदारी हमारी प्राथमिकता हो।”
कोहली के इस बयान ने साफ कर दिया कि यह हादसा उनके दिल को भी गहराई से झकझोर गया है।
आरसीबी ने भी जताया दुख, बनाई राहत योजना
कुछ दिन पहले ही आरसीबी ने इस घटना पर अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया दी थी। फ्रैंचाइज़ी ने “आरसीबी केयर फंड” बनाने का ऐलान किया, जिसके जरिए हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक परिवार को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके अलावा घायलों के इलाज और सहायता के लिए भी राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
टीम प्रबंधन ने कहा कि यह कदम उन परिवारों के प्रति संवेदना और जिम्मेदारी दिखाने के लिए उठाया गया है, जिनकी वजह से आरसीबी आज यहां तक पहुंची है।

कैसे हुआ हादसा?
4 जून की रात आरसीबी की ऐतिहासिक जीत के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हजारों की संख्या में प्रशंसक जमा हो गए थे। टीम के खिलाड़ियों को देखने और जश्न मनाने के लिए जगह-जगह से लोग उमड़े। इसी भीड़ ने भगदड़ का रूप ले लिया।
स्थानीय पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, स्टेडियम के बाहर पर्याप्त सुरक्षा इंतज़ाम नहीं थे। इस कार्यक्रम को जल्दबाजी में आयोजित किया गया और कथित तौर पर इसकी पूर्व अनुमति भी नहीं ली गई थी। नतीजा यह हुआ कि भीड़ पर नियंत्रण नहीं हो सका और हादसे ने 11 परिवारों से उनके प्रियजनों को छीन लिया।
सरकार और पुलिस की भूमिका पर सवाल
इस हादसे के बाद कर्नाटक सरकार और पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल उठे। आलोचकों का कहना है कि इतने बड़े आयोजन के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम होने चाहिए थे। साथ ही, भीड़ प्रबंधन को लेकर जो लापरवाही हुई, उसने इस त्रासदी को जन्म दिया।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने भी बाद में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया था, जिसमें खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में भी हजारों फैंस की भीड़ उमड़ी, लेकिन अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
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आरसीबी की जीत जहां उनके फैंस के लिए ऐतिहासिक पल थी, वहीं भगदड़ ने उस खुशी पर स्याही फेर दी। कई परिवारों के लिए यह दिन हमेशा दर्द की याद दिलाएगा।
विराट कोहली का संदेश और आरसीबी का आर्थिक सहयोग निश्चित तौर पर प्रभावित परिवारों के दुख को कम नहीं कर सकता, लेकिन यह जिम्मेदारी की एक छोटी मिसाल जरूर है। अब सवाल यह है कि क्या भविष्य में ऐसे आयोजन बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था के साथ किए जाएंगे, ताकि किसी और खुशी के मौके को त्रासदी में न बदलना पड़े।