भारतीय टी20 टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव अपने करियर के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं। मैदान के चारों ओर लंबे-लंबे छक्के जड़ने वाले सूर्या कप्तान बनने के बाद से अपनी लय खो चुके हैं। इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई पांच मैचों की टी20 सीरीज में भी उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा।
टी20 में बतौर कप्तान अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन
सूर्यकुमार यादव का इंग्लैंड के खिलाफ यह प्रदर्शन किसी भी भारतीय कप्तान के लिए सबसे निराशाजनक रहा। इस सीरीज में उन्होंने 5 पारियों में महज 5.6 की औसत से मात्र 28 रन बनाए, जो उनके करियर में किसी भी तीन या उससे अधिक मैचों की टी20 सीरीज में दूसरा सबसे खराब प्रदर्शन है। इससे पहले, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चार मैचों की टी20 सीरीज में उन्होंने 8.66 की औसत से सिर्फ 26 रन बनाए थे।

इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में प्रदर्शन
- पहला टी20 (कोलकाता): शून्य (डक पर आउट)
- दूसरा टी20 (चन्नई): 12 रन, ब्राइडन कार्स की गेंद पर क्लीन बोल्ड
- तीसरा टी20 (राजकोट): 14 रन
- चौथा टी20 (पुणे): शून्य (डक पर आउट)
- पांचवां टी20 (मुंबई): 2 रन
फुलटाइम कप्तान बनने के बाद गिरता प्रदर्शन
सूर्या के प्रदर्शन के आंकड़े बताते हैं कि फुलटाइम कप्तान बनने के बाद उनका फॉर्म लगातार गिरता गया है। कप्तान बनने के बाद उन्होंने 15 मैचों में 17.2 की औसत से सिर्फ 258 रन बनाए हैं, जिसमें केवल दो अर्धशतक शामिल हैं।
श्रीलंका दौरे से मिली थी कप्तानी
सूर्यकुमार यादव ने पिछले साल श्रीलंका दौरे से भारतीय टी20 टीम की कमान संभाली थी। इस सीरीज के पहले मैच में उन्होंने 223.07 की स्ट्राइक रेट से 36 गेंदों में 58 रन बनाए थे। इसके बाद बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी टी20 मैच में भी उनका प्रदर्शन प्रभावशाली था, जहां उन्होंने 214.28 की स्ट्राइक रेट से 35 गेंदों पर 78 रन बनाए थे।
सूर्यकुमार यादव का टी20 अंतरराष्ट्रीय करियर
अगर सूर्यकुमार यादव के पूरे टी20 अंतरराष्ट्रीय करियर पर नजर डालें तो उन्होंने भारत के लिए अब तक 83 मैचों की 79 पारियों में 38.21 की औसत से 2598 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने चार शतक और 21 अर्धशतक लगाए हैं।
कप्तानी रिकॉर्ड
सूर्या की कप्तानी में भारतीय टीम का प्रदर्शन अच्छा रहा है। उनकी अगुवाई में भारत ने 23 टी20 मैच खेले हैं, जिनमें से 18 में जीत मिली है, 4 मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा है और एक मैच टाई हुआ है। उनका विनिंग प्रतिशत 78.26 रहा है।

क्या सूर्या फिर से हासिल कर पाएंगे अपनी पुरानी लय?
सूर्यकुमार यादव के लिए यह दौर निश्चित रूप से चुनौतीपूर्ण है। फुलटाइम कप्तान बनने के बाद से उनकी बल्लेबाजी प्रभावित हुई है। भारतीय टीम मैनेजमेंट और प्रशंसकों को उम्मीद होगी कि वह जल्द ही अपनी फॉर्म वापस पाएंगे और एक बार फिर आक्रामक बल्लेबाजी से टीम को मजबूती देंगे। अब देखना यह होगा कि आने वाली सीरीज में सूर्या किस तरह से वापसी करते हैं।
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