ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच क्रिकेट की जबरदस्त प्रतिस्पर्धा हमेशा चर्चा का विषय रही है, लेकिन हाल ही में एक मामले ने इस प्रतियोगिता को और भी गरमा दिया है। बॉल टेम्परिंग और अंपायर से बदतमीजी को लेकर ईशान किशन के व्यवहार पर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन इस बार चर्चा का मुद्दा यह है कि ऑस्ट्रेलिया ने इस पूरे मामले में सजा देने से क्यों परहेज किया। क्या ऑस्ट्रेलिया को भारतीय टीम से डर है?
यह मामला तब तूल पकड़ा जब इंडिया ए और ऑस्ट्रेलिया ए के बीच एक अनऑफ़िशल टेस्ट मैच खेला गया। इस मैच के दौरान भारतीय टीम पर बॉल टेम्परिंग का आरोप लगा, हालांकि बाद में यह आरोप निराधार साबित हुआ। लेकिन इस घटना ने एक नया मोड़ तब लिया जब ईशान किशन का अंपायर से तीखा संवाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो ने ऑस्ट्रेलियन मीडिया में हलचल मचाई और कई पत्रकारों ने खुलकर भारत की ताकत का अनुमान लगाया।
बॉल टेम्परिंग का आरोप और उसका खंडन
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच इस मैच में बॉल टेम्परिंग का आरोप तब लगा, जब अंपायर ने गेंद बदलने का फैसला किया। अंपायर के अनुसार गेंद पर स्क्रैच के निशान थे, जो गेंद के उपयोग के लिए अनुकूल नहीं थे। इस फैसले पर ईशान किशन ने असहमति जताई और इसे ‘मूर्खता’ करार दिया। इसके बाद अंपायर ने ईशान को चेतावनी दी और कहा कि अगर इस व्यवहार को जारी रखा तो रिपोर्ट किया जाएगा। हालांकि, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अगले दिन इन आरोपों को खारिज कर दिया। भारतीय टीम को बॉल टेम्परिंग के आरोपों से पूरी तरह से मुक्त कर दिया गया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने यह स्पष्टीकरण दिया कि गेंद पर स्क्रैच के निशान तब बने थे, जब गेंद बाउंड्री रोप या किसी अन्य वस्तु से टकराई। वहीं इंडिया ए के एक सूत्र ने बताया कि ईशान ने जो सवाल उठाए, वह सिर्फ अंपायर के फैसले को लेकर थे, जो उन्हें सही नहीं लगा।

वायरल वीडियो ने बढ़ाया विवाद
हालांकि, इस मामले को और बढ़ावा तब मिला जब फ़ॉक्स स्पोर्ट्स ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें ईशान किशन और अंपायर शॉन क्रेग के बीच बातचीत हो रही थी। वीडियो में अंपायर गेंद बदलने के फैसले पर ईशान को समझाते हुए कहते हैं, “अगर आप इसे स्क्रैच करेंगे, हम गेंद बदल देंगे। इस पर कोई बातचीत नहीं होगी।”
ईशान का जवाब था, “तो अब हमें इस गेंद से खेलना होगा?” इसके बाद अंपायर ने कहा, “आप इसी गेंद से खेलेंगे।” इस पर ईशान ने नाराजगी जताते हुए कहा, “यह बहुत मूर्खतापूर्ण फैसला है।” अंपायर ने इसके बाद चेतावनी दी, “यह आपत्तिजनक व्यवहार है, और आपकी हरकतों की वजह से गेंद बदली गई।”
यह वीडियो पहले से पब्लिक डोमेन में था, लेकिन फ़ॉक्स स्पोर्ट्स ने इसे अलग से जारी कर इसे और हवा दी, जिससे भारतीय क्रिकेट टीम और ईशान किशन का पक्ष और भी विवादों में घिर गया।

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का डर
ऑस्ट्रेलिया के सीनियर जर्नलिस्ट रॉबर्ट क्रैडॉक ने इस पूरे घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का रवैया साफ तौर पर यह दिखाता है कि वे भारतीय टीम की ताकत से डर गए हैं। क्रैडॉक के अनुसार, भले ही बॉल टेम्परिंग के कोई ठोस सबूत नहीं मिले, लेकिन ईशान का अंपायर के साथ किया गया व्यवहार तो रिकॉर्ड में है। उनके अनुसार, इस घटना के बाद ईशान को सजा मिलनी चाहिए थी, लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने ऐसा करने से परहेज किया, क्योंकि उन्हें डर था कि भारतीय टीम के साथ सख्ती करने पर विवाद और बढ़ सकता था।
सजा देने से बचने की वजह
यह सवाल अब उठता है कि अगर ईशान का व्यवहार गलत था, तो ऑस्ट्रेलिया ने उसे सजा क्यों नहीं दी? क्या इसके पीछे भारतीय क्रिकेट टीम की ताकत और उस पर दबाव डालने का डर है? क्या ऑस्ट्रेलिया अब भी भारत के खिलाफ सख्त कदम उठाने से बचता है, ताकि आने वाले बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में दोनों टीमों के बीच कोई विवाद न बढ़े?
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एक तरफ जहां क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने बॉल टेम्परिंग के आरोपों को खारिज कर दिया, वहीं अंपायर के साथ हुए विवाद के बावजूद कोई सख्त कदम नहीं उठाया। इसका मतलब यह है कि ऑस्ट्रेलिया भारतीय क्रिकेट को लेकर किसी भी तरह के विवाद से बचना चाहता है, जो आने वाले समय में और भी बड़ी प्रतिस्पर्धाओं में रूप ले सकता है।
निष्कर्ष
इस पूरे मामले ने यह साफ कर दिया है कि भारतीय क्रिकेट टीम अब केवल मैदान में ही नहीं, बल्कि मानसिक स्तर पर भी अपने विरोधियों को चुनौती दे रही है। ईशान किशन के विवादित व्यवहार को लेकर ऑस्ट्रेलिया का डर यह दर्शाता है कि भारतीय क्रिकेट अब दुनिया की सबसे ताकतवर टीमों में से एक बन चुका है, जिसका असर अब हर मैच और हर फैसले पर पड़ रहा है।