इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अपने खिलाड़ियों को पाकिस्तान सुपर लीग (PSL), श्रीलंका प्रीमियर लीग और अन्य फ्रेंचाइजी टूर्नामेंट में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया है, यदि वे इंग्लैंड के घरेलू क्रिकेट सत्र के दौरान हो रहे हैं।
ECB के फैसले की वजह
ECB का यह निर्णय इंग्लैंड में काउंटी चैंपियनशिप, विटैलिटी ब्लास्ट, और द हंड्रेड जैसी प्रतियोगिताओं की गुणवत्ता और प्राथमिकता को बनाए रखने के लिए लिया गया है।
- ECB खिलाड़ियों को समानांतर फ्रेंचाइजी टूर्नामेंट में भाग लेने से रोकना चाहता है।
- अब, पहले की तरह खिलाड़ी एक टूर्नामेंट से बाहर होकर दूसरे में शामिल नहीं हो सकेंगे।
- बोर्ड ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी खिलाड़ी घरेलू सफेद गेंद टूर्नामेंट छोड़कर विदेशी लीग में खेलने की अनुमति नहीं पाएगा।

IPL को छूट
ECB ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) को इस प्रतिबंध से अलग रखा है। इंग्लैंड के खिलाड़ियों को मार्च-मई के दौरान आईपीएल में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी।
- इस छूट को BCCI के नए नियमों से जोड़ा जा रहा है, जिनमें कहा गया है कि आईपीएल की नीलामी में बिकने के बाद लीग से नाम वापस लेने वाले खिलाड़ियों पर दो साल का बैन लगाया जाएगा।
- यदि कोई खिलाड़ी चोटिल होता है, तो उसे अपने घरेलू बोर्ड से इसकी पुष्टि करानी होगी।
PSL और IPL में संभावित टकराव

पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) और इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के बीच तारीखों में टकराव संभव है।
- आमतौर पर PSL का आयोजन फरवरी-मार्च में होता है।
- अगले साल, पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी के कारण PSL के कार्यक्रम में बदलाव हो सकता है, जिससे यह आईपीएल की तारीखों से मेल खा सकता है।
- IPL 2025 का आयोजन 14 मार्च से 25 मई तक निर्धारित है।
ECB का उद्देश्य और रणनीति
ECB का कहना है कि यह कदम खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में प्राथमिकता देने के लिए उठाया गया है।
- ECB के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड गूल्ड ने कहा: “यह नीति खिलाड़ियों और काउंटी टीमों के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद करेगी और साथ ही क्रिकेट की वैश्विक अखंडता की रक्षा करेगी।”
प्रभाव और संभावनाएं

- PSL और अन्य लीग पर प्रभाव: PSL जैसी लीगों में इंग्लिश खिलाड़ियों की भागीदारी घट सकती है।
- IPL का दबदबा: ECB के फैसले से IPL की प्राथमिकता और बढ़ जाती है, क्योंकि यह खिलाड़ियों के लिए सबसे अधिक लाभदायक फ्रेंचाइजी लीग है।
- काउंटी क्रिकेट को मजबूती: इंग्लैंड के घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे प्रतिस्पर्धा और गुणवत्ता में सुधार होगा।
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ECB का यह फैसला इंग्लैंड के क्रिकेट पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकता है। दूसरी ओर, यह निर्णय IPL की वैश्विक बढ़त को और मजबूत करेगा।