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Paris Paralympics 2024: यूपी के IAS सुहास एलवाई ने बैडमिंटन में जीते सिल्वर मेडल

Paris Paralympics 2024:– उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी और गौतमबुद्धनगर के पूर्व जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने Paris Paralympics 2024 में बैडमिंटन की SL4 कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीतकर एक बार फिर इतिहास रच दिया है। यह उनका लगातार दूसरा Paralympic सिल्वर मेडल है, जिसमें उन्होंने 2020 के Tokyo Paralympics में भी यही उपलब्धि प्राप्त की थी।

फाइनल में हार

Paris Paralympics के फाइनल मुकाबले में सुहास ने फ्रांस के लुकास मजूर के खिलाफ खेला। पहले गेम में लुकास ने शुरुआत से ही दबाव बनाए रखा और सुहास को 9-21 से हराया। दूसरे गेम में भी लुकास ने बढ़त बनाए रखी और गेम को 13-21 से अपने नाम किया। सुहास इस बार गोल्ड मेडल नहीं जीत सके, लेकिन वह लगातार दो Paralympics में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं।

Paris Paralympics 2024:-सफर की शुरुआत

सुहास का बैडमिंटन का सफर 2016 में शुरू हुआ जब उन्होंने चाइना में आयोजित एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। इस जीत ने उन्हें पैरालंपिक्स तक पहुंचने का रास्ता दिखाया।

कौन हैं सुहास एलवाई?

सुहास का जन्म 2 जुलाई 1983 को कर्नाटक के हसन शहर में हुआ। एक पैर से विकलांग होने के बावजूद, उन्होंने अपने जीवन में अनेक चुनौतियों का सामना किया। सुहास का दाहिना पैर पूरी तरह से फिट नहीं है, लेकिन उनके पिता ने हमेशा उनका समर्थन किया। सुहास ने अपनी पढ़ाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, सुरतकल से कम्प्यूटर साइंस में डिस्टिंक्शन के साथ की और बाद में सिविल सर्विसेज की तैयारी की।

बैडमिंटन से जुड़ाव

सिविल इंजीनियरिंग के बाद सुहास ने बैडमिंटन खेलना शुरू किया। उन्होंने चुपचाप सात दिन की छुट्टी लेकर 2016 की एशियन चैंपियनशिप में भाग लिया और गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद, सुहास ने बैडमिंटन के साथ-साथ अपनी सिविल सर्विसेज की जिम्मेदारियों को भी निभाया।

जीवन और परिवार

सुहास की मुलाकात अपनी पत्नी ऋतु से आगरा में हुई, जब दोनों की पोस्टिंग वहां थी। उनकी शादी के बाद, सुहास ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर तय किए। वह वर्तमान में यूपी में स्पोर्ट्स और यूथ वेलफेयर सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत हैं और उनके जीवन में बैडमिंटन का बड़ा हिस्सा है।

उपलब्धियां और प्रेरणा

साल 2018 में जकार्ता एशियन पैरा गेम्स में ब्रॉन्ज़ मेडल जीतने के बाद, सुहास ने बैडमिंटन में कई इंटरनेशनल और नेशनल गोल्ड मेडल्स जीते हैं। उनका यात्रा और संघर्ष सभी को प्रेरित करता है, और उनका यह लगातार सफलता का सिलसिला उनके अदम्य संघर्ष और समर्पण का प्रतीक है।

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निष्कर्ष

Paris Paralympics 2024 में सुहास एलवाई का सिल्वर मेडल उनके असाधारण खेल कौशल और समर्पण को दर्शाता है। उनका सफर एक प्रेरणादायक कहानी है जो यह बताता है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।

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