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इलेक्ट्रिक गाड़ियों ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए हैं: एक रियल यूजर की आपबीती ने बढ़ाई धुकधुकी!

अगर आप भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों (EVs) के बारे में सोच रहे हैं या फिर हाल ही में एक EV खरीदी है, तो यह कहानी शायद आपके लिए एक चेतावनी हो सकती है। और यह समस्या गाड़ी की कीमत से जुड़ी नहीं है, बल्कि उससे कहीं ज्यादा गंभीर है – EV की रेंज और चार्जिंग की समस्या। हम आपको एक असली उपयोगकर्ता की कहानी सुनाते हैं, जिसने खुद को एक ऐसी स्थिति में पाया जहां उनकी धड़कनें और भी तेज़ हो गईं!

पहली राइड में ही परेशानी:

हम बात कर रहे हैं Tata Nexon EV के मालिक शिवा नारायणन की, जो बेंगलुरु में रहते हैं। शिवा ने अपने पहले बड़े सफर की योजना बनाई और बेंगलुरु से चेन्नई के लिए निकल पड़े। इस यात्रा की दूरी लगभग 350 किलोमीटर थी, और Tata Nexon EV के बारे में दावा किया गया था कि वह एक बार फुल चार्ज पर 400 किलोमीटर तक चल सकती है। तो शिवा ने भी सोचा, “यह सफर तो बिल्कुल आसान होगा।”

लेकिन जब 180 किलोमीटर चलने के बाद ही बैटरी का स्तर 45% तक गिर गया, तो शिवा की चिंता शुरू हो गई। अब उन्हें लगा कि शायद वो ज्यादा तेज़ ड्राइव कर रहे होंगे या फिर ट्रैफिक में फंस गए होंगे। लेकिन असली मुसीबत तो तब आई जब उन्होंने चार्जिंग की योजना बनाई।

चार्जिंग की परेशानी:

शिवा ने Nexon EV को 80% तक चार्ज किया और सोचा कि बाकी के 170 किलोमीटर आराम से चल जाएंगे। लेकिन जब बैटरी 45% से 30% तक पहुंची, तो एक के बाद एक कम होते आंकड़े ने उन्हें पूरी तरह घबराहट में डाल दिया। 30% से 20%, फिर 10%, और आखिरकार बैटरी ने 0% तक पहुंचते-पहुंचते 35 किलोमीटर की दूरी तय की।

यहां शिवा को एक बड़ा झटका लगा – 10 किलोमीटर में 30% बैटरी खत्म हो गई। घबराए हुए शिवा को अपनी गाड़ी के चार्ज खत्म होने का डर था। सौभाग्य से, वह हाइवे पर थे और उन्हें टाटा की इमरजेंसी सर्विस मिल गई, जिसने उनकी गाड़ी को एक चार्जिंग स्टेशन पर पहुंचाया।

क्या Nexon EV में कुछ गड़बड़ है?

यह घटना वास्तव में Tata Nexon EV या अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में किसी बड़ी गड़बड़ी को नहीं दर्शाती। असल में, EV की रेंज में जो समस्या आई, वह ड्राइविंग कंडीशंस और बैटरी की प्रकृति से जुड़ी है। जैसे पेट्रोल कार में कंपनी दावा करती है कि “20 किलोमीटर का एवरेज मिलेगा,” लेकिन असल में वह 15 के ऊपर मुश्किल से पहुंचता है, ठीक वैसे ही इलेक्ट्रिक कार में भी यह स्थिति लागू होती है।

EV की बैटरी (Li-ion बैटरी) कुछ खास तरीके से काम करती है। बैटरी की क्षमता एकदम लीनियर नहीं होती। आपको स्क्रीन पर अगर 20% बैटरी दिखे, तो यह अचानक 5% तक गिर सकती है, क्योंकि बैटरी के प्रदर्शन पर कई चीज़ें असर डालती हैं – जैसे बैटरी की उम्र, ड्राइविंग शैली, मौसम का असर, और भी बहुत कुछ। इसका मतलब यह हुआ कि यदि आपके पास इलेक्ट्रिक गाड़ी है, तो रेंज और बैटरी प्रतिशत पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए।

क्या करना चाहिए EV मालिकों को?

अगर आप भी इलेक्ट्रिक गाड़ी के मालिक हैं, तो इस तरह की परेशानी से बचने के लिए कुछ जरूरी बातें ध्यान में रखें:

  1. फुल चार्जिंग: हमेशा लंबी यात्रा से पहले अपनी गाड़ी को पूरी तरह चार्ज करें और चार्जिंग स्टेशन के बारे में पहले से जानकारी प्राप्त कर लें।
  2. चार्जिंग स्टेशन का पता: रूट पर विभिन्न चार्जिंग स्टेशन की लोकेशन और उनका स्टेटस पहले से चेक कर लें, ताकि आप यात्रा के दौरान कहीं फंसे न रहें।
  3. फ़ास्ट चार्जर्स का इस्तेमाल करें: यदि आपके पास फ़ास्ट चार्जर उपलब्ध है, तो उसे प्राथमिकता दें, क्योंकि यह समय बचाने में मदद करेगा।
  4. ड्राइविंग में सावधानी: तेज़ रफ्तार या अचनाक ब्रेक लगाने से बचें, क्योंकि इससे बैटरी जल्दी खत्म हो सकती है।
  5. बैटरी की स्थिति पर ध्यान दें: हमेशा बैटरी के प्रदर्शन को ध्यान से देखें, क्योंकि बैटरी की सेहत और मौसम भी इसकी रेंज को प्रभावित कर सकते हैं।

निष्कर्ष:

हालांकि इलेक्ट्रिक गाड़ियां पर्यावरण के लिए बेहतरीन हैं और प्रदूषण कम करने में मदद करती हैं, लेकिन उनकी रेंज और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में अभी सुधार की जरूरत है। अगर आप भी EV खरीदने जा रहे हैं या पहले से एक के मालिक हैं, तो यात्रा से पहले सही तैयारी और सावधानी जरूरी है। वरना, आपकी यात्रा ना सिर्फ़ थका देने वाली हो सकती है, बल्कि आपकी धड़कन भी बढ़ा सकती है!

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तो अब ध्यान रखें, अगली बार जब आप अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ी से यात्रा करें, तो हर ज़रूरी जानकारी और चार्जिंग स्टेशन के प्लान के साथ निकलें, ताकि आपका अनुभव आरामदायक और बिना किसी परेशानी के हो। 🚗🔋

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