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अमेरिका के फैसले के बाद भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट, जानें क्या है कारण

नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार 19 दिसंबर को खुलते ही जोरदार गिरावट का शिकार हो गया। इस गिरावट की वजह अमेरिका के केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की घोषणा मानी जा रही है, जो निवेशकों को हैरान करने वाली थी। खबर लिखे जाने तक, BSE Sensex में 925 अंकों की गिरावट देखी गई, जो फिलहाल 79,256 अंकों पर ट्रेड कर रहा था, वहीं Nifty 50 में भी 309 अंकों की गिरावट दर्ज की गई, और यह 23,899 अंकों पर कारोबार कर रहा था।

शेयर बाजार में बड़ी गिरावट
जब भारतीय शेयर बाजार खुला, तो प्रमुख कंपनियों के शेयरों में भी भारी गिरावट देखने को मिली। जैसे कि विप्रो के शेयरों में 2.64 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि *श्रीराम फाइनेंस, *एशियन पेंट्स, *हिंडालको, *ओएनजीसी, *इन्फोसिस और टाटा स्टील्स के शेयर भी लगभग 2 प्रतिशत तक गिर गए। इसके अलावा *भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, *एसबीआई और कोल इंडिया के शेयरों में भी गिरावट देखी गई।

डॉलर के मजबूत होने से विदेशी निवेशकों की चिंता
विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार में यह गिरावट अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने के कारण हो रही है। डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया दबाव में है, और इस कारण से विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल सकते हैं। *डॉलर इंडेक्स, जो दुनिया की 6 प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति को मापता है, इस समय *118 के स्तर पर पहुंच चुका है, जो एक महत्वपूर्ण संकेत है कि डॉलर की स्थिति काफी मजबूत हो गई है।

विशेषज्ञों का क्या कहना है?
Geojit फाइनेंशियल सर्विसेज से जुड़े वरिष्ठ विश्लेषक वीके विजयकुमार का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार में यह गिरावट अस्थाई है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक छोटी सी गतिविधि है और इससे बाजार जल्द ही सामान्य हो जाएगा। अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में की गई कटौती के बावजूद, अमेरिकी अर्थव्यवस्था और लेबर मार्केट को लेकर चीफ की टिप्पणियां सकारात्मक थीं। इसका मतलब यह है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था पटरी पर आने को तैयार है।”

विजयकुमार ने यह भी कहा कि हालांकि, निवेशकों ने इस कदम को लेकर घबराहट दिखाई है, क्योंकि ब्याज दरों में कटौती उनके अनुमानों से थोड़ा कम थी। ऐसे में बाजार में अस्थिरता आना स्वाभाविक है, लेकिन यह लंबी अवधि के लिए चिंता का विषय नहीं होगा।

क्या है आगे की उम्मीद?
हालांकि, बाजार में वर्तमान गिरावट निवेशकों के लिए चिंता का कारण बन सकती है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल एक अस्थायी उतार-चढ़ाव है और भारतीय शेयर बाजार की दीर्घकालिक संभावनाएं अभी भी सकारात्मक बनी हुई हैं। अगले कुछ दिनों में स्थिति में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, खासकर जब अमेरिकी केंद्रीय बैंक के दृष्टिकोण को लेकर स्थिति स्पष्ट होगी।

समग्र रूप से, भारतीय शेयर बाजार में आई इस गिरावट को वैश्विक आर्थिक बदलावों और डॉलर की स्थिति से जोड़ा जा रहा है, और फिलहाल यह देखा जा रहा है कि आने वाले समय में बाजार में स्थिरता लौटने की संभावना है।

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