अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों के नजदीक आने के साथ, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने सुझाव दिया कि इजरायल को ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर सीधा हमला करना चाहिए, खासकर हालिया मिसाइल हमले के संदर्भ में।
बाइडन का रुख
ट्रंप का बयान राष्ट्रपति जो बाइडन के एक हालिया बयान के बाद आया, जिसमें बाइडन ने ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर हमले के समर्थन से इंकार किया था। 2 सितंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाइडन से पूछा गया था कि क्या वे ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर हमला करेंगे, तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा, “नहीं, जब तक वो (ईरान) परमाणु साइट्स पर हमला नहीं करते।”
ट्रंप का बयान
4 सितंबर को उत्तरी कैरोलिना के फेयेटविले में एक कार्यक्रम में ट्रंप ने कहा, “बाइडन का जवाब गलत था। जब उनसे पूछा गया कि ईरान के बारे में वे क्या सोचते हैं, तो उन्होंने कहा कि वे ईरान पर हमला नहीं करेंगे। मुझे लगता है कि उन्हें तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”
ईरान की मिसाइलें
ट्रंप के बयान के बाद, 1 अक्टूबर को खबर आई कि ईरान ने इजरायल की ओर 100 से ज्यादा मिसाइलें दागी हैं। यह घटनाक्रम दोनों देशों के बीच की बढ़ती तनाव को और भी बढ़ा सकता है, जिससे पूरे क्षेत्र की सुरक्षा पर खतरा बढ़ गया है।
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ट्रंप के इस बयान ने न केवल राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना दिया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर सुरक्षा और तनाव के मुद्दों को भी पुनर्जीवित कर दिया है। ऐसे में अब देखना होगा कि अमेरिकी राजनीति में यह बयान किस तरह से प्रभावित करेगा और क्षेत्र में स्थिरता की दिशा में क्या कदम उठाए जाएंगे।