जापान के मियाजाकी एयरपोर्ट पर एक भीषण विस्फोट हुआ जब द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान गिराया गया एक बम फट गया। इस घटना ने टैक्सीवे पर 7 मीटर चौड़ा और 1 मीटर गहरा गड्ढा बना दिया, जिसके चलते अधिकारियों को रनवे को बंद करना पड़ा और 87 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
जापान:- विस्फोट की जानकारी
जापान के परिवहन मंत्रालय के अनुसार, बम निरोधक दल ने पुष्टि की है कि विस्फोट जमीन के नीचे दबे बम के कारण हुआ था, जो अमेरिका द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हवाई हमले में गिराया गया था। यह बम पहले नहीं फटा था, लेकिन अब के विस्फोट ने स्थिति को बदल दिया है।
घटना का रिकॉर्ड
इस पूरी घटना को पास के एक एविएशन स्कूल ने रिकॉर्ड किया है, जिसमें विस्फोट से डामर के टुकड़े हवा में उड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। जापान के मीडिया ने इस वीडियो को प्रसारित किया है, जिसमें लगभग 7 गज व्यास और 3 फीट गहरा एक गड्ढा स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।


अधिकारियों की प्रतिक्रिया
जापान की मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने कहा कि जिन उड़ानों को रद्द किया गया है, उनके फिर से चलने की उम्मीद है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दूसरे विस्फोट का कोई खतरा नहीं है और पुलिस तथा अग्निशामक कर्मी घटनास्थल की जांच कर रहे हैं।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
मियाज़ाकी हवाई अड्डा 1943 में एक पूर्व इंपीरियल जापानी नौसेना उड़ान प्रशिक्षण क्षेत्र के तौर पर बनाया गया था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहां से कई कामिकेज़ पायलटों ने आत्मघाती हमलों के लिए उड़ान भरी थी। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा गिराए गए कई गैर-विस्फोट बम इस क्षेत्र में पाए गए हैं।

पूर्व के बम विस्फोट
संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा गिराए गए बमों का इतिहास जापान में लंबे समय से जारी है। 2009 और 2011 में भी पास के निर्माण स्थलों पर ऐसे बम पाए गए थे। पिछले वर्ष, द्वितीय विश्व युद्ध का एक बम इंग्लैंड में पाया गया था, जिसमें अनियोजित विस्फोट हुआ था।
निष्कर्ष
इस घटना ने एक बार फिर से द्वितीय विश्व युद्ध के समय की याद दिलाई है और यह दर्शाता है कि कैसे युद्ध के दौरान छोड़े गए विस्फोटक आज भी खतरा उत्पन्न कर सकते हैं। जांच अधिकारी अब इस बात की छानबीन कर रहे हैं कि 80 सालों बाद यह बम कैसे फटा और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है।
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