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डॉनल्ड ट्रंप की जीत पर खुश होने वालों, इससे हमें फायदे कम, नुकसान ज्यादा हो सकते हैं!

अमेरिका, जो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे भारत समेत पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डाल सकते हैं। कारोबार की दुनिया में एक पुरानी कहावत है कि “अगर अमेरिका को छींक भी आती है, तो दुनिया को जुकाम हो जाता है”, और इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर भी साफ देखा जा सकता है। डॉनल्ड ट्रंप की संभावित जीत के बाद, यह सवाल उठता है कि क्या भारत को इससे फायदा होगा या फिर नुकसान?

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्टोरल कॉलेज वोटों की गिनती जारी है, और ट्रंप अब जीत के बेहद करीब हैं। उन्होंने अब तक 267 इलेक्टोरल वोट हासिल कर लिए हैं, जबकि डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस के खाते में 224 वोट हैं। कुल 538 इलेक्टोरल वोट हैं, और जीत के लिए 270 वोटों की जरूरत होती है। ट्रंप की जीत के नतीजे भारत की अर्थव्यवस्था और व्यापार पर कैसे असर डालेंगे, आइए जानते हैं।

भारत-अमेरिका व्यापार पर असर

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार का बड़ा हिस्सा होता है। इकोनॉमिक टाइम्स और लाइव मिंट की रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप के कार्यकाल में भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में काफी उतार-चढ़ाव आए हैं। अमेरिका, भारत के लिए मर्चेंटाइज एक्सपोर्ट का सबसे बड़ा बाजार है, जिसमें खाद्य सामग्री, मसाले, चाय, कपड़े, लेदर, हीरे-जवाहरात, और दवाएं शामिल हैं। भारत अमेरिका को इन सामानों का निर्यात करता है।

2017 से 2021 तक ट्रंप के राष्ट्रपति रहते हुए भारत-अमेरिका व्यापार में काफी तरक्की देखी गई, खासकर रक्षा क्षेत्र में। हालांकि, ट्रंप के कार्यकाल में भारत को कई बार “टैरिफ किंग” करार दिया गया था, और उन पर भारतीय उत्पादों पर अमेरिकी टैक्स बढ़ाने का दबाव था। 2019 में भारत ने कई अमेरिकी उत्पादों पर भारी टैक्स लगा दिया था, जिसके बाद ट्रंप ने भारत को व्यापार में वरीयता की सामान्य व्यवस्था से बाहर कर दिया था। इससे भारत के सामान अमेरिका में महंगे हो गए थे, जिसका सीधा असर भारतीय कंपनियों पर पड़ा था।

ट्रंप के सत्ता में आने से भारत को अमेरिका में सामान बेचने पर फिर से ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है, खासकर आईटी, फार्मास्यूटिकल्स और टेक्सटाइल उद्योग जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर।

क्या डॉनल्ड ट्रंप की जीत से फायदा हो सकता है?

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की वापसी भारत के लिए फायदेमंद भी हो सकती है, खासतौर से चीन के खिलाफ उनकी सख्त नीति के कारण। नोमुरा जैसी मार्केट रिसर्च फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से भारत को चीन के विकल्प के तौर पर फायदा हो सकता है। जब चीन के ऊपर अमेरिका अतिरिक्त टैक्स लगाएगा, तो दुनिया भर की कंपनियां चीन के अलावा वियतनाम, भारत जैसे देशों में निवेश बढ़ा सकती हैं। इससे भारतीय कंपनियों, खासतौर से ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को फायदा हो सकता है।

इसके अलावा, ट्रंप के कार्यकाल में भारत के मेटल्स और केमिकल एक्सपोर्ट्स को भी अमेरिकी बाजार में बढ़ावा मिल सकता है। चीन के ऊपर टैक्स बढ़ने से भारतीय मेटल और केमिकल उत्पादों की मांग में इजाफा हो सकता है। इसके अलावा, अगर ट्रंप फिर से सत्ता में आते हैं, तो भारत के कपड़ा और सिरेमिक उद्योग को भी फायदा हो सकता है, क्योंकि अमेरिका में चीनी उत्पादों पर अतिरिक्त टैक्स लगाया जा सकता है, जिससे भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ सकती है।

भारत के शेयर बाजार पर असर

ट्रंप की जीत का भारतीय शेयर बाजार और मुद्रा पर भी असर पड़ सकता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की वापसी से भारतीय शेयर बाजार में शॉर्ट टर्म में रौनक देखने को मिल सकती है, खासकर भारतीय मिडकैप आईटी कंपनियों के लिए। हालांकि, ट्रंप की सख्त ट्रेड पॉलिसीज से डॉलर मजबूत हो सकता है और भारतीय रुपया कमजोर हो सकता है।

विदेशी निवेशक अमेरिकी बाजार में निवेश बढ़ा सकते हैं, जिसके कारण भारत जैसे उभरते बाजारों में निवेश में कमी आ सकती है। इससे भारत के शेयर बाजार पर दबाव पड़ सकता है और रुपया कमजोर हो सकता है।

निष्कर्ष

डॉनल्ड ट्रंप की जीत से भारत के लिए फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं। व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और तकनीकी सहयोग में कुछ क्षेत्रों में फायदा हो सकता है, लेकिन उनकी व्यापारिक नीतियों के चलते भारत को नुकसान भी हो सकता है। विशेष रूप से आयात शुल्क में वृद्धि, चीनी सामानों पर प्रतिबंध, और व्यापारिक विवादों के कारण भारत के प्रमुख निर्यात क्षेत्रों पर दबाव बन सकता है। कुल मिलाकर, ट्रंप की आर्थिक नीतियां और वैश्विक रणनीतियों से भारत को अधिक नुकसान होने की संभावना दिखती है, बजाय इसके कि भारत को इससे बड़े फायदे मिलें।

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