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श्रीलंका में राष्ट्रपति पद के नज़दीक पहुंचे दिसानायके अडानी को लेकर दे चुके हैं बड़ा बयान

कोलंबो :- अनुरा कुमारा दिसानायके, जो 2022 के आर्थिक संकट के दौरान अपने भ्रष्टाचार विरोधी बयानों के लिए मशहूर हुए, अब श्रीलंका के राष्ट्रपति बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं। हाल के चुनावों में उन्हें 52 फ़ीसदी वोट मिले हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी साजिथ प्रेमदासा को 22 फ़ीसदी और रानिल विक्रमसिंघे को सिर्फ़ 16 फ़ीसदी वोट मिले हैं।

इस बार के चुनाव में दिसानायके, प्रेमदासा और विक्रमसिंघे के बीच कड़ा मुकाबला था। प्रेमदासा पूर्व राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के बेटे हैं, जिनकी हत्या पद पर रहते हुए हुई थी। वहीं, विक्रमसिंघे के चाचा जेआर जयवर्धने भी पूर्व राष्ट्रपति रह चुके हैं।

कौन हैं अनुरा कुमारा दिसानायके?

अनुरा कुमारा दिसानायके, जिन्हें AKD के नाम से जाना जाता है, एक मार्क्सवादी-लेनिनवादी नेता हैं। उनका जन्म 24 नवंबर, 1968 को अनुराधापुरा ज़िले के थंबूथेगामा गाँव में हुआ था। वे छात्र जीवन से ही राजनीतिक गतिविधियों में शामिल रहे और 2000 में पहली बार विधायक बने।

नरसंहार के समर्थन का आरोप

उनकी पार्टी, जनता विहित पेरामुनु (JVP), ने 2004 में सैन्य समाधान का समर्थन किया, जिसके कारण तमिल नरसंहार हुआ। इसके अलावा, दिसानायके ने 2003 में शांति वार्ता के विरोध में रैलियों में भाग लिया था।

भारत विरोधी रुख

हाल के समय में, अनुरा ने भारतीय कंपनी अडानी के खिलाफ बयान देकर नया विवाद खड़ा किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि अडानी प्रोजेक्ट श्रीलंका की ऊर्जा संप्रभुता के लिए खतरा है। उनके इस बयान ने भारत विरोधी धड़े के साथ उनके संबंधों को और मजबूत किया है।

निष्कर्ष

श्रीलंका में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के चलते यह चुनाव ऐतिहासिक है। दिसानायके की बढ़ती लोकप्रियता और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मजबूत आवाज़ ने उन्हें राष्ट्रपति पद के नज़दीक ला खड़ा किया है। आगामी चुनाव परिणाम श्रीलंका की राजनीतिक दिशा को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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