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उज्जैन महाकाल की दिव्य सवारी में उमड़ा भक्तों का सैलाब: पहली बार 350 जवानों का विशेष पुलिस बैंड

उज्जैन: सावन के दूसरे सोमवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर में भगवान महाकाल की भव्य सवारी निकाली गई। इस बार सवारी में विशेष पुलिस बैंड, बैगा समुदाय के आदिवासी कलाकारों और लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

महाकाल सवारी की विशेषताएं

  • पहली बार पुलिस बैंड: इस बार सवारी में पहली बार 350 जवानों का विशेष पुलिस बैंड शामिल हुआ। डीजे पर प्रतिबंध लगाकर पुलिस बैंड को शामिल किया गया, जिससे सवारी में एक अलग ही अनुशासन और भक्तिभाव दिखाई दिया।
  • आदिवासी कलाकारों का प्रदर्शन: डिंडौरी से आए बैगा समुदाय के आदिवासियों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य कर सवारी में चार चांद लगाए।
  • भक्तों की भारी भीड़: देशभर से आए लाखों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन किए। भक्तों ने बाबा महाकाल की एक झलक पाकर अपने आप को धन्य माना।
  • अर्धनारीश्वर स्वरूप: भगवान महाकाल का भांग, चंदन, सूखे मेवों और आभूषणों से अर्धनारीश्वर स्वरूप में दिव्य श्रृंगार किया गया।
  • प्रशासनिक व्यवस्था: प्रशासन ने सवारी के दौरान सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए थे।https://x.com/DrMohanYadav51/status/1817902300490543502

महाकाल मंदिर का इतिहास

उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मान्यता है कि भगवान शिव ने यहां दूषण नामक राक्षस का वध कर अपने भक्तों की रक्षा की थी, जिसके बाद भक्तों के निवेदन पर भोलेबाबा यहां विराजमान हुए थे। यह मंदिर प्राचीन काल से ही तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल रहा है।

श्रद्धालुओं का उत्साह

सावन के महीने में महाकाल मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और भक्तों की भीड़ उमड़ती है। इस बार भी सावन के दूसरे सोमवार को भक्तों का उत्साह देखने लायक था। भक्तों ने सुबह से ही मंदिर में दर्शन के लिए लंबी कतारें लगाईं।

महाकाल मंदिर की वास्तुकला

महाकाल मंदिर की वास्तुकला दक्षिण भारतीय शैली से प्रभावित है। मंदिर का गर्भगृह, मंडप और नंदी मंडप प्रमुख भाग हैं। मंदिर का मुख्य आकर्षण स्वयंभू शिवलिंग है, जिसे दक्षिणमुखी होने के कारण अत्यंत दुर्लभ माना जाता है। मंदिर की दीवारों और छतों पर भगवान शिव और देवी पार्वती से जुड़ी अनेक कलाकृतियाँ उकेरी गई हैं|

महाकाल मंदिर में साल भर कई धार्मिक आयोजन होते हैं। सावन का महीना, शिवरात्रि और सोमवती अमावस्या यहां के प्रमुख त्योहार हैं। इन दिनों मंदिर में लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। उज्जैन को भारत के प्राचीनतम शहरों में से एक माना जाता है। प्राचीन काल में उज्जैन एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था। धार्मिक दृष्टिकोण से भी उज्जैन का बहुत महत्व रहा है। यहां कई प्राचीन मंदिर और धार्मिक स्थल स्थित हैं|

उज्जैन का महाकाल मंदिर देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां सावन के महीने में आयोजित होने वाली सवारी का देशभर में बहुत महत्व है। इस साल की सवारी ने एक बार फिर साबित किया कि भगवान महाकाल की भक्ति में लोग कितने अटूट विश्वास रखते हैं।

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