भोपाल
मध्यप्रदेश भाजपा में संगठनात्मक बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल अगस्त के आखिरी सप्ताह तक अपनी नई कार्यकारिणी की घोषणा करेंगे। खंडेलवाल को पदभार संभाले एक महीने से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन अब तक प्रदेश कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ था। अब पार्टी के भीतर चर्चाएं हैं कि जल्द ही संगठनात्मक ढांचा नए सिरे से तय होगा।
62 जिलों में बदलाव की तैयारी
जानकारी के अनुसार, भाजपा इस बार प्रदेश के 62 जिलों में व्यापक बदलाव करने जा रही है। वर्तमान कार्यकारिणी में सात सांसद, छह विधायक और एक कैबिनेट मंत्री शामिल हैं। माना जा रहा है कि इनकी जगह नए चेहरों को अवसर दिया जाएगा। भाजपा युवा मोर्चा, महिला मोर्चा और किसान मोर्चा जैसे महत्वपूर्ण संगठनात्मक इकाइयों में भी अध्यक्षों को बदला जा सकता है।
इस बार पार्टी “एक व्यक्ति, एक पद” की नीति को गंभीरता से लागू करने जा रही है। इसका अर्थ है कि जो नेता दोहरी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, उन्हें अब एक ही पद पर सीमित किया जाएगा और खाली हुई जिम्मेदारियां नए नेताओं को सौंपी जाएंगी।

महिलाओं और युवाओं को मौका
नई कार्यकारिणी में इस बार महिलाओं और युवाओं को अधिक जिम्मेदारी देने की योजना है। पार्टी का मानना है कि आगामी चुनावों में संगठन को मजबूत करने के लिए महिलाओं और युवाओं की भूमिका अहम होगी। इसके साथ ही निगम-मंडल की नियुक्तियों में भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी उन नेताओं को निगम-मंडल की जिम्मेदारी देने पर विचार कर रही है जो लगातार सक्रिय हैं या लंबे समय से दावेदारी कर रहे हैं।
सामाजिक समीकरण पर भी फोकस
भाजपा नेतृत्व संगठनात्मक बदलाव के दौरान सामाजिक समीकरण को भी साधने की कोशिश करेगा। प्रदेश के विभिन्न वर्गों और समुदायों को प्रतिनिधित्व देकर पार्टी अपने जनाधार को और मजबूत करना चाहती है। यही वजह है कि जिला और मंडल स्तर पर कार्यकारिणी के गठन में सामाजिक संतुलन पर खास ध्यान दिया जाएगा।
जिला अध्यक्षों ने भेजी रिपोर्ट
संगठनात्मक बदलाव की प्रक्रिया में तेजी लाते हुए सभी जिला अध्यक्षों ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश मुख्यालय भेज दी है। इन रिपोर्टों में कार्यकर्ताओं की सक्रियता, संगठन की वर्तमान स्थिति और स्थानीय समीकरणों का उल्लेख किया गया है। इन्हीं रिपोर्टों के आधार पर नई टीम का खाका तैयार किया जाएगा।
अगस्त के आखिर तक नई टीम
सूत्रों के अनुसार, अगस्त के अंतिम सप्ताह तक भाजपा की नई कार्यकारिणी की घोषणा कर दी जाएगी। इसमें नए और युवा चेहरों को प्रमुखता दी जाएगी, ताकि आने वाले चुनावों में संगठन को ऊर्जा और ताजगी मिल सके। साथ ही वरिष्ठ नेताओं के अनुभव का भी संतुलित उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
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कुल मिलाकर, भाजपा प्रदेश स्तर पर बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है। यह बदलाव न केवल संगठनात्मक मजबूती बल्कि आगामी चुनावी रणनीति की दिशा भी तय करेगा।