ग्वालियर।
मध्य प्रदेश के आबकारी विभाग में एक गंभीर विवाद का मामला सामने आया है, जहां आरक्षक और लिपिक के बीच की बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वायरल ऑडियो में आबकारी आरक्षक यशपाल और लिपिक मोहम्मद सोहेल खान के बीच तीखी बहस सुनाई देती है, जिसमें आरक्षक द्वारा दी गई धमकियों ने पूरे विभाग में हड़कंप मचा दिया है।
मामला सार्वजनिक होने के बाद लिपिक सोहेल खान ने जिला आबकारी अधिकारी पतरस बड़ा को लिखित शिकायत दी है और आरक्षक यशपाल भदौरिया के खिलाफ एफआईआर की मांग की है।
क्या है वायरल ऑडियो में?
वायरल हुए ऑडियो में आबकारी आरक्षक यशपाल, लिपिक सोहेल को फोन कर पूछते हैं कि वह उनके बारे में जानकारी क्यों जुटा रहा है और शनिवार-रविवार को वह कहां था, इससे उसे क्या लेना-देना? जब सोहेल जवाब देता है कि उसे डीएओ (जिला आबकारी अधिकारी) ने जानकारी जुटाने को कहा था, तो यशपाल भड़क जाता है।
यशपाल यह भी कहता है कि उसकी डीएओ से दिन में 10 बार बात होती है और सोहेल को धमकी देता है कि “जिस चम्मच से खाता है, उसे घुसेड़ दूंगा”। वह आगे कहता है कि “अब पारा ऊपर चला गया है, तो अनुकंपा किसी और को देकर जाओगे। ध्यान रखना, मेरे बारे में ज्यादा इंक्वायरी मत करना।”
खलील का जिक्र और सीधे आरोप
ऑडियो में यशपाल, सोहेल पर यह आरोप भी लगाता है कि वह खलील नामक व्यक्ति के साथ मिलकर उसके बारे में जानकारी जुटा रहा है। हालांकि, सोहेल लगातार यह कहता सुनाई देता है कि उसने केवल डीएओ के कहने पर ही जानकारी ली थी।
लिखित शिकायत दर्ज
इस पूरे घटनाक्रम से परेशान होकर लिपिक सोहेल खान ने जिला आबकारी अधिकारी पतरस बड़ा को लिखित में शिकायत दी है और आरक्षक यशपाल भदौरिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। सोहेल ने यह भी कहा कि इस तरह की धमकियों और व्यक्तिगत हमलों से कार्यस्थल का माहौल खराब हो रहा है और उसकी सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ गई है।

जिला आबकारी अधिकारी की चुप्पी
वहीं इस गंभीर मामले में जिला आबकारी अधिकारी पतरस बड़ा की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। मीडिया द्वारा उनके तीनों नंबरों पर कॉल और मैसेज किए गए, लेकिन किसी का भी कोई जवाब नहीं मिला। यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी कई मामलों में अधिकारी पतरस बड़ा मीडिया से बचते देखे गए हैं।
सवालों में विभाग की कार्यप्रणाली
इस विवाद ने न सिर्फ विभाग की आंतरिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि यह भी दिखाता है कि किस तरह अधिकारी और कर्मचारी एक-दूसरे पर निजी आरोप-प्रत्यारोप तक जा रहे हैं। धमकी भरे ऑडियो का वायरल होना विभागीय गरिमा के लिए भी गंभीर चिंता का विषय है।
आगे क्या?
अब देखना होगा कि जिला आबकारी अधिकारी इस मामले पर क्या कार्रवाई करते हैं। अगर यशपाल पर लगे आरोपों की पुष्टि होती है, तो न सिर्फ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई, बल्कि आपराधिक धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया जा सकता है।
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सोशल मीडिया पर वायरल हुआ यह ऑडियो मध्य प्रदेश के आबकारी विभाग में कर्मचारियों के बीच बढ़ती असहमति और तनाव को उजागर करता है। लिपिक द्वारा की गई शिकायत और आरक्षक की धमकी भरी भाषा दोनों ही प्रशासनिक हस्तक्षेप की मांग करते हैं। अब जिला आबकारी अधिकारी की अगली कार्रवाई इस मामले का रुख तय करेगी।