इंदौर शहर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जब ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी के घर के बाहर एक महिला ने जबरदस्त हंगामा कर दिया। महिला का दावा है कि राजा रघुवंशी के भाई सचिन रघुवंशी ने उससे शादी की थी और दोनों का एक बेटा भी है, लेकिन अब वो महिला और बच्चे को पहचानने से इनकार कर रहा है।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें महिला बच्चे को गोद में लिए हुए राजा रघुवंशी के घर का गेट पीटती नजर आ रही है। महिला का कहना है कि वह इस बच्चे की मां है और सचिन ही बच्चे का पिता है।
डीएनए रिपोर्ट से सचिन की पितृत्व की पुष्टि
महिला ने बताया कि जब सचिन ने उसे पत्नी मानने से इनकार किया तो उसने दुष्कर्म का केस दर्ज करवाया। मामला कोर्ट में पहुंचा, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर डीएनए जांच कराई गई। रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि बच्चा सचिन रघुवंशी का ही है। महिला ने यह भी कहा कि सचिन ने पहले उससे शादी की, लेकिन अब अमीर और रसूखदार होने के चलते वह मुंह मोड़ रहा है।
“अब मैं यहीं रहूंगी…” – महिला
महिला घंटों गेट के बाहर खड़ी रही, लेकिन घर से कोई भी बाहर नहीं आया। वह बार-बार यही कहती रही –
“मैं कहीं नहीं जाऊंगी। आज नहीं तो कल गेट खोलना ही पड़ेगा। सचिन की मां ने गेट अंदर से बंद कर लिया है, लेकिन मैं यहीं रहूंगी।”
महिला ने मीडिया से बातचीत में यह भी आरोप लगाया कि पूरा रघुवंशी परिवार उसे और बच्चे को नकारने की कोशिश कर रहा है। “जब सच सामने आ गया है, डीएनए रिपोर्ट आ चुकी है, तब अब मुझे ब्लैकमेलर कह रहे हैं। औरत पर आरोप लगाना आसान होता है, क्योंकि वो पैसे वाले हैं,” उसने कहा।

सचिन रघुवंशी का पक्ष
वहीं दूसरी ओर, आरोपी सचिन रघुवंशी ने अपने बयान में कहा कि यह महिला उसे ब्लैकमेल कर रही है और झूठे आरोप लगा रही है। उसने यह भी कहा कि महिला का मकसद केवल पैसे ऐंठना है। हालांकि, सचिन के इस बयान को लेकर महिला ने सीधा जवाब दिया –
“बच्चे का डीएनए रिपोर्ट साफ है, सच सामने है। अब बचने के लिए सिर्फ झूठे आरोप लगा रहे हैं।”
सामाजिक सवाल और चुप प्रशासन
यह मामला अब केवल एक पारिवारिक विवाद नहीं रहा, बल्कि एक सामाजिक और कानूनी मसले के रूप में भी देखा जा रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि डीएनए रिपोर्ट के बाद भी महिला और बच्चे को न्याय क्यों नहीं मिला? प्रशासन और पुलिस की चुप्पी पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं।
क्या बोले स्थानीय लोग?
मौके पर जमा लोगों में से कई ने कहा कि यह दृश्य भावुक कर देने वाला था। एक महिला अकेले अपने बच्चे के साथ घंटों खड़ी रही, लेकिन रघुवंशी परिवार से कोई सामने नहीं आया।
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इंदौर का यह मामला न केवल एक महिला की पीड़ा को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे रसूखदार लोग सच सामने आने के बाद भी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करते हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन और न्यायिक व्यवस्था इस महिला को कब और कैसे इंसाफ दिलाती है।