उज्जैन जिले के घटिया विधानसभा क्षेत्र से एक चौंकाने वाली घटना को सामने लाती है, जहां भाजपा विधायक सतीश मालवीय के बड़े भाई मंगल सिंह मालवीय ने अपने ही बेटे अरविंद मालवीय की गोली मारकर हत्या कर दी। यह मामला न केवल पारिवारिक विवाद का गंभीर उदाहरण है, बल्कि समाज में बढ़ते तनाव और हिंसा की प्रवृत्ति पर भी सवाल खड़े करता है।
घटना का विवरण
मामला सोमवार सुबह उज्जैन जिले के माकड़ौन इलाके का है, जहां 30 वर्षीय अरविंद मालवीय को उसके पिता मंगल सिंह मालवीय ने 12 बोर की लाइसेंसी बंदूक से दो गोलियां मारीं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक गोली सिर में लगी और दूसरी छाती को चीरते हुए पार निकल गई, जिससे अरविंद की मौके पर ही मौत हो गई। घायल अरविंद को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
संभावित कारण और पुलिस जांच
घटना के पीछे पैसे के लेन-देन को लेकर विवाद बताया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक, मंगल मालवीय और अरविंद के बीच किराना दुकान के पैसों को लेकर कहासुनी हुई थी, जो इतनी बढ़ गई कि गुस्से में आकर पिता ने अपने ही बेटे को गोली मार दी। इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई, और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

पारिवारिक पृष्ठभूमि और सामाजिक प्रभाव
मृतक अरविंद मालवीय शादीशुदा था और उसका एक बेटा भी है। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, अरविंद का आपराधिक प्रवृत्ति से जुड़ा होना भी उसकी हत्या की एक संभावित वजह हो सकती है। वहीं, आरोपी मंगल सिंह मालवीय खुद पूर्व विधायक नागूलाल मालवीय के बेटे हैं और घर जमाई के रूप में रह रहे थे।
परिवारों में बढ़ती हिंसा—एक चिंताजनक प्रवृत्ति
यह घटना केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि यह सवाल उठाती है कि आखिर क्यों पारिवारिक विवाद इस हद तक बढ़ जाते हैं कि पिता को अपने ही बेटे की जान लेनी पड़ती है। यह मामला समाज में बढ़ती हिंसा, गुस्से और असहिष्णुता को भी उजागर करता है।
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उज्जैन में हुई इस दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। अब सवाल यह है कि क्या पारिवारिक विवादों को इस स्तर पर पहुंचने से रोकने के लिए कोई समाधान निकल सकता है? पुलिस की जांच जारी है, और यह देखना होगा कि कानून इस मामले में क्या रुख अपनाता है।