मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन एक बार फिर दहशत और अपराध के साए में सिमट गई, जब तराना थाना क्षेत्र में स्थित एक पेट्रोल पंप पर हथियारबंद बदमाशों ने फिल्मी अंदाज में हमला कर दिया। आठ अज्ञात बदमाशों ने न केवल पंप स्टाफ को बंधक बनाया, बल्कि पंप संचालक के साथ क्रूरता से मारपीट कर नकदी और कीमती गहने लूटकर फरार हो गए।
घटना गुरुवार देर रात लगभग 11:40 बजे की है, जब तराना थाना क्षेत्र अंतर्गत नेशनल हाईवे-52 पर स्थित बरंडवा जोड़ के पास जियो पेट्रोल पंप पर यह दुस्साहसिक वारदात अंजाम दी गई। इस घटना के बाद इलाके में सन्नाटा और दहशत फैल गई है।
आठ बदमाशों ने दी वारदात को अंजाम, CCTV भी ले गए साथ
पेट्रोल पंप कर्मचारियों के अनुसार, रात करीब 11:40 बजे आठ अज्ञात हथियारबंद बदमाशों का एक गिरोह पंप पर आ धमका। बदमाशों ने आते ही हथियारों की नोक पर स्टाफ को बंधक बना लिया। किसी को भागने या विरोध करने का मौका तक नहीं मिला। सभी को एक कमरे में बंद कर दिया गया और बाहर से ताला जड़ दिया।
इसी दौरान पेट्रोल पंप के संचालक अखिलेश मंडलोई रूटीन निरीक्षण के लिए पंप पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि स्टाफ नदारद है। जब वे पास पहुंचे तो बदमाशों ने उन्हें भी पकड़ लिया और उनके साथ निर्दयता से मारपीट की। उन्हें भी बंद कमरे में डाल दिया गया।

लूट की रकम में लगभग ₹50,000 नकद, सोने की चेन, अंगूठी और अन्य गहने शामिल हैं। जाते-जाते अपराधी सीसीटीवी रिकॉर्डिंग डिवाइस भी अपने साथ ले गए, ताकि उनकी पहचान न हो सके।
ताला तोड़कर बाहर निकले कर्मचारी, पुलिस को दी सूचना
बदमाशों के फरार होने के बाद जब थोड़ी देर तक कोई हलचल नहीं हुई तो स्टाफ ने कड़ी मशक्कत कर कमरे का ताला तोड़ा और बाहर निकलकर पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही तराना थाना पुलिस, एसडीओपी भविष्य भास्कर और मक्सी थाना प्रभारी भीम सिंह पटेल मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की।
घायल पंप संचालक अखिलेश मंडलोई को तत्काल उपचार के लिए शाजापुर जिला अस्पताल भेजा गया है। उनकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
जांच में जुटी पुलिस, लेकिन सवालों के घेरे में सुरक्षा व्यवस्थ
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन इस घटना ने प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाईवे पर स्थित एक पेट्रोल पंप पर इस तरह की घटना यह दर्शाती है कि अपराधियों में कानून का डर खत्म होता जा रहा है।
वहीं, घटना के बाद क्षेत्र के व्यापारियों और आम नागरिकों में भय व्याप्त है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस गश्त सिर्फ कागजों में सीमित रह गई है, और अपराधियों को खुली छूट मिल गई है।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने में जुटी है और यह आशंका जताई जा रही है कि अपराधियों को स्थानिक जानकारी पहले से थी।
प्रशासन पर जनता का दबाव – “हाईवे पर रात में कोई सुरक्षा नहीं”
स्थानीय नागरिकों और व्यापारिक संगठनों ने इस घटना को लेकर प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि हाईवे के पेट्रोल पंप और ढाबों पर रात में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं होती।
पूर्व में भी इस इलाके में लूट और चोरी की घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस बार जनता का गुस्सा उबाल पर है और मांग की जा रही है कि संबंधित थाना प्रभारी और क्षेत्रीय पुलिसकर्मियों की जवाबदेही तय की जाए।
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तराना क्षेत्र में हुई यह सनसनीखेज लूट न केवल एक बड़ी अपराध की घटना है, बल्कि यह प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा की पोल भी खोलती है। जब हथियारबंद बदमाश एक हाईवे के पेट्रोल पंप पर इस तरह धावा बोल सकते हैं, तो आम नागरिक कितने सुरक्षित हैं?
पुलिस की अब अग्निपरीक्षा है—क्या वह इस गिरोह को जल्द पकड़ पाएगी या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?