उमरिया
उमरिया जिला, जहां अपराध और प्रशासन का गहरा नाता है, वहां कबाड़ कारोबारी खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अपना कारोबार कर रहे हैं। पाली थाना के पीछे सलीम और वार्ड नंबर 5 एन एच 43 के किनारे फिरोज के कबाड़ के धंधे की चर्चा अब शहर में आम हो चुकी है। हैरान करने वाली बात यह है कि स्थानीय प्रशासन इस पर अनजान बना हुआ है, जिससे लगता है कि वे भी इस गोरखधंधे में शामिल हैं।
उमरिया कबाड़ का कारोबार: एक गंभीर खतरा
सूत्रों के अनुसार, यह कबाड़ का कारोबार केवल साधारण नहीं है; यह कई घरों को उजाड़ चुका है। छोटी-मोटी चोरी करके चोर अपनी चुराई गई वस्तुएं इन कबाड़ियों को बेचते हैं। प्रशासन को इस पर ठोस कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन पुलिस प्रशासन इस पर चुप्पी साधे हुए है।

खाकी पर उठते सवाल
पाली नगर पालिका क्षेत्र में स्थित होने के बावजूद, पुलिस इन कबाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई से क्यों बच रही है? कई नियमों का पालन आवश्यक होता है, लेकिन उमरिया में इन नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सूत्र बताते हैं कि ये कबाड़ी बंद कॉलरियों से चोरी का माल भी खरीदते हैं।
संरक्षण का रहस्य
स्थानीय लोगों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि सलीम और फिरोज को आखिर किस अधिकारी या नेता का संरक्षण मिल रहा है? यह प्रश्न अब उमरिया के लोगों के मन में गूंज रहा है। क्या प्रशासन इस अवैध कारोबार पर कार्रवाई करने के लिए तैयार है, या यह समस्या यूं ही बनी रहेगी?
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जिला प्रशासन को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए और कबाड़ कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।