एटा, उत्तर प्रदेश: जिले के जैथरा थाना क्षेत्र के नगला डांडा गांव से एक दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक ही परिवार की दो बेटियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। पहले बड़ी बेटी की मौत हुई थी और अब उसी पति से शादी करने वाली छोटी बेटी का शव फंदे से लटका मिला है। मृतका पांच महीने की गर्भवती थी।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और परिजनों की शिकायत पर पति उपेंद्र के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। यह मामला न सिर्फ घरेलू हिंसा और दहेज हत्या की ओर इशारा करता है, बल्कि हमारे समाज में महिलाओं की असुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
पहली पत्नी की संदिग्ध मौत के बाद दूसरी शादी
मृतका काजल के पिता विनोद उर्फ मुन्नालाल, जो फर्रुखाबाद जिले के शमशाबाद थाना क्षेत्र के मोहल्ला चोहटटा निवासी हैं, ने बताया कि आरोपी उपेंद्र ने साल 2018 में उनकी बड़ी बेटी से शादी की थी। इस शादी से तीन बच्चे हुए। लेकिन चार साल पहले उनकी बड़ी बेटी की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
उस वक्त उपेंद्र ने बच्चों के पालन-पोषण के नाम पर परिवार को भावुक कर दिया और लॉकडाउन के दौरान 2019 में काजल से दूसरी शादी कर ली। विनोद का आरोप है कि उपेंद्र ने उनकी बड़ी बेटी की हत्या की थी, और अब काजल को भी मार दिया।
काजल की लटकी मिली लाश, गर्भवती थी महिला
शनिवार को काजल का शव उसके घर में फंदे से लटका हुआ मिला। जब यह जानकारी परिवार को मिली, तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया, जिसमें यह पुष्टि हुई कि काजल पांच महीने की गर्भवती थी।
परिजनों का साफ आरोप है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हत्या है। पिता विनोद का कहना है कि काजल लगातार अपने ससुराल में हो रही मारपीट और प्रताड़ना की शिकायत करता थी।

जैथरा थाना प्रभारी ने बताया कि परिजनों की तहरीर के आधार पर आरोपी उपेंद्र के खिलाफ धारा 302 (हत्या) और अन्य संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है और गांव में पूछताछ का सिलसिला जारी है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य फोरेंसिक सबूतों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। यदि हत्या की पुष्टि होती है, तो आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्या दूसरी बेटी की भी हो चुकी थी हत्या?
पिता विनोद ने न सिर्फ अपनी छोटी बेटी की हत्या का आरोप लगाया है, बल्कि अब उन्होंने पहली बेटी की मौत को भी हत्या बताया है। उनका कहना है कि पहली बेटी की मौत को उस समय सामान्य मौत मान लिया गया था, लेकिन अब उन्हें यकीन है कि उपेंद्र ने ही दोनों बेटियों को योजनाबद्ध तरीके से मारा है।
समाज के लिए चेतावनी बनता यह मामला
यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था के लिए एक चुनौती है, बल्कि सामाजिक चेतना के लिए भी एक गंभीर संकेत है। दो बहनों की एक ही व्यक्ति से शादी और दोनों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से यह सवाल खड़ा होता है कि क्या हमने महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की जिम्मेदारी गंभीरता से ली है?
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एटा का यह मामला हमें सोचने पर मजबूर करता है कि क्या अब भी हमारे समाज में महिलाओं की जिंदगी इतनी सस्ती है? क्या दो बेटियों की मौत के बाद भी आरोपी खुले में घूम सकता है? पुलिस की निष्पक्ष और तेज जांच इस मामले में न्याय दिलाने का एकमात्र रास्ता है।
सरकार और प्रशासन से यह अपेक्षा की जाती है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाए, ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।