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कटनी-दतिया के एसपी, चंबल रेंज के आईजी और डीआईजी हटाए गए, सीएम ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार देर शाम एक बड़ा प्रशासनिक फैसला लेते हुए कटनी और दतिया जिले के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) के साथ-साथ चंबल रेंज के आईजी और डीआईजी को हटाने के निर्देश दिए। इस फैसले की जानकारी उन्होंने स्वयं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की। मुख्यमंत्री के इस अप्रत्याशित निर्णय से पुलिस महकमे में हलचल मच गई है।

सीएम का स्पष्ट संदेश: लोकसेवा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं

सीएम मोहन यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा,

“कटनी के पुलिस अधीक्षक और दतिया के पुलिस अधीक्षक तथा चंबल रेंज के आईजी, डीआईजी द्वारा ऐसा व्यवहार किया गया जो लोकसेवा में खेदजनक है। इस कारण इन्हें तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए गए हैं।”

मुख्यमंत्री के इस पोस्ट के तुरंत बाद ही संबंधित अधिकारियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई और पुलिस विभाग में इसे लेकर गहन मंथन शुरू हो गया है।

कटनी की घटना बनी कार्रवाई की वजह

सूत्रों के अनुसार, इस फैसले के पीछे की मुख्य वजह कटनी जिले में शनिवार को घटित एक विवादास्पद घटना है। जानकारी के अनुसार, कटनी की सीएसपी (नगर पुलिस अधीक्षक) ख्याति मिश्रा का हाल ही में तबादला हुआ था। तबादले के बाद वे अपने सरकारी आवास पर अपने पति तहसीलदार शैलेन्द्र बिहारी शर्मा और परिजनों के साथ मौजूद थीं।

इसी दौरान उनके परिजनों में किसी बात को लेकर विवाद हुआ और मामला इतना बढ़ा कि पुलिस को मौके पर बुलाया गया। पुलिस ने दोनों पक्षों को हिरासत में लेकर महिला थाने ले आई। वहीं तहसीलदार शैलेन्द्र शर्मा ने आरोप लगाया कि थाने में उनके और उनके परिवार के साथ मारपीट की गई। उन्होंने यह भी कहा कि यह सब कटनी एसपी अभिजीत रंजन के इशारे पर किया गया।

पुलिस पर मनमानी का आरोप

शैलेन्द्र शर्मा का आरोप है कि उनके परिवार के साथ जो व्यवहार किया गया, वह न केवल गैरकानूनी था बल्कि लोकसेवकों की गरिमा के खिलाफ भी था। इस मामले ने सोशल मीडिया पर भी चर्चा बटोरी और कुछ राजनीतिक नेताओं ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी।

चंबल रेंज के अधिकारियों पर भी गिरी गाज

इस पूरे घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने सिर्फ कटनी एसपी को नहीं, बल्कि दतिया के एसपी और चंबल रेंज के आईजी और डीआईजी को भी हटा दिया। हालांकि चंबल रेंज के अधिकारियों को हटाए जाने के पीछे की तत्काल वजह साफ नहीं हो पाई है, लेकिन माना जा रहा है कि विभागीय लापरवाही या अनुशासनहीनता के आरोपों की वजह से यह निर्णय लिया गया।

प्रशासनिक हलकों में हलचल

मुख्यमंत्री के इस कदम के बाद राज्य के अन्य जिलों के पुलिस अधिकारियों में भी बेचैनी देखी जा रही है। आमतौर पर पुलिस अधिकारियों के तबादले या हटाने के आदेश गृह विभाग या पुलिस मुख्यालय से जारी होते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा सीधे सोशल मीडिया के माध्यम से निर्णय साझा करना, एक असाधारण और सख्त संदेश माना जा रहा है।

आगे क्या?

फिलहाल गृह विभाग ने संबंधित जिलों में नए अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं, पूरे घटनाक्रम की विभागीय जांच भी संभावित है। कटनी में सीएसपी और तहसीलदार परिवार के विवाद की जांच भी वरिष्ठ अधिकारी स्तर पर की जा सकती है।

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यह मामला प्रशासनिक अनुशासन, पुलिस-कर्मचारियों के व्यवहार और लोकसेवकों की गरिमा से जुड़ा हुआ है। आने वाले दिनों में इस पर और भी राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं सामने आ सकती हैं।

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