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करैत जैसे जहरीले सांपों के काटने पर 6 घंटे में बिगड़ सकती है हालत, वक्त पर इलाज ज़रूरी

मध्यप्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में बारिश का मौसम न केवल राहत लेकर आता है, बल्कि साथ लाता है एक बड़ा खतरा – सर्पदंश यानी सांप के काटने के मामले। विशेषज्ञों की मानें तो खासतौर पर करैत जैसे बेहद जहरीले सांप के काटने पर यदि समय रहते इलाज न मिले तो 6 से 7 घंटे के भीतर पीड़ित की हालत गंभीर रूप से बिगड़ सकती है। इस कारण सर्पदंश के मरीजों में लकवे जैसे लक्षण और श्वास संबंधी समस्याएं तक देखने को मिलती हैं।

हर दिन बढ़ रहे सर्पदंश के मामले

जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों की रिपोर्ट के मुताबिक, हर दिन 4 से 6 मरीज सर्पदंश के कारण इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें कुछ मरीज निजी अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं तो कुछ अब भी झाड़-फूंक जैसे अंधविश्वासों में पड़कर कीमती वक्त गंवा रहे हैं।

डॉ. अनुपम साहनी, न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ के अनुसार, “करैत और अन्य न्यूरो टॉक्सिक सांपों के काटने पर मरीज में पहले लकवा जैसे लक्षण नजर आते हैं। समय रहते इलाज न मिले तो स्थिति बिगड़ सकती है। मरीजों को झाड़फूंक से बचना चाहिए और सीधे अस्पताल जाना चाहिए।”

एंटीवेनम इंजेक्शन ही जीवन रक्षक

सर्पदंश का एकमात्र असरदार इलाज है एंटीवेनम इंजेक्शन। जिला अस्पताल में फिलहाल करीब 320 इंजेक्शन उपलब्ध हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि एक मरीज के इलाज में औसतन 8 से 10 इंजेक्शन लगते हैं। ऐसे में यह स्टॉक सिर्फ 30 से 40 मरीजों के लिए ही पर्याप्त है।
सिविल सर्जन डॉ. नवीन कोठारी का कहना है कि “हर साल लगभग 600 से अधिक एंटीवेनम इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है। समय-समय पर दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है।”

क्यों है इलाज में देरी खतरनाक?

बारिश के मौसम में सांप ज़मीन से बाहर निकल आते हैं, जिससे खेत, झाड़ियों और घरों के आसपास सर्पदंश के मामले बढ़ जाते हैं। करैत जैसे सांपों के काटने पर न्यूरो टॉक्सिन ज़हर सीधे नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है, जिससे मरीज की हालत कुछ ही घंटों में गंभीर हो सकती है।

कुछ अन्य जहरीले सांपों के काटने पर, जिन्हें वेस्कुलो टॉक्सिक माना जाता है, घाव के पास से ही लक्षण दिखने लगते हैं। लेकिन करैत जैसे सांप के काटने पर लक्षण धीरे-धीरे प्रकट होते हैं, जिससे परिजन भ्रमित हो जाते हैं और इलाज में देरी हो जाती है।

सांप काटे तो क्या करें?

विशेषज्ञों और स्वास्थ्य विभाग की सलाह के अनुसार, यदि किसी को सांप काट ले तो तुरंत नीचे दिए गए उपाय अपनाएं:

  • पीड़ित को शांत रखें, घबराहट से जहर तेजी से फैल सकता है।
  • काटे गए स्थान को हिलाएं नहीं, और उसे खुले में रखें।
  • सांप की पहचान करने की कोशिश करें लेकिन उसे मारने की कोशिश न करें।
  • घाव को न काटें और न ही चूसें।
  • बर्फ, शराब या घरेलू इलाज का प्रयोग न करें।
  • झाड़फूंक या ओझा-तांत्रिक पर भरोसा न करें।
  • तुरंत 108 नंबर पर कॉल कर संजीवनी एंबुलेंस बुलाएं और अस्पताल पहुंचें।

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सर्पदंश कोई सामान्य मामला नहीं है, खासकर जब बात करैत जैसे घातक सांप की हो। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोगों को इसके प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है। यदि समय रहते इलाज मिल जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है, वरना यह लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।

समय ही सबसे बड़ा इलाज है – झाड़फूंक नहीं, डॉक्टर ही अंतिम भरोसा हैं।

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