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कानपुर में बांग्लादेश के ‘सुपर फैन’ की पिटाई का मामला: पुलिस ने कहा, ‘डिहाइड्रेशन से बेहोश हुए’

कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में भारत और बांग्लादेश के बीच चल रहे टेस्ट मैच के दौरान बांग्लादेश के बड़े फैन, टाइगर रूबी, के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। टाइगर ने आरोप लगाया है कि उन्हें करीब 15 लोगों की भीड़ ने बुरी तरह से पीटा। हालांकि, यूपी पुलिस ने उनके दावे का खंडन करते हुए कहा कि वह डिहाइड्रेशन के कारण बेहोश हुए थे और उन पर किसी ने हमला नहीं किया।

कानपुर घटना का विवरण

टाइगर रूबी, जो बांग्लादेश क्रिकेट टीम का कट्टर समर्थक है, ने बताया कि वह मैच के दौरान बालकनी में खड़े थे, जो सुरक्षा कारणों से दर्शकों के लिए बंद थी। उन्होंने कहा, “एक पुलिस वाले ने मुझे वहां खड़े रहने के लिए कहा था।” उन्होंने आरोप लगाया कि अन्य दर्शकों ने उन्हें सुबह से ही गालियां देना शुरू कर दिया। रूबी ने कहा, “क्या अपनी टीम और अपने देश का समर्थन करना अपराध है?”

वह पहले दिन से ही डर महसूस कर रहे थे, और ऐसे में उन पर मानसिक दबाव बना रहा। उनकी शिकायत थी कि लोग उन्हें गालियां दे रहे थे और इस स्थिति ने उन्हें परेशान कर दिया।

पुलिस का स्पष्टीकरण

यूपी पुलिस के अधिकारियों ने टाइगर के दावों का खंडन किया और कहा कि वह असल में डिहाइड्रेशन के कारण बेहोश हुए थे। पुलिस ने यह भी बताया कि घटना के बाद उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया और सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत किया गया है।

पिछले मामलों का संदर्भ

यह पहली बार नहीं है जब किसी बांग्लादेशी फैन के खिलाफ भारतीय प्रशंसकों की हिंसा का मामला सामने आया है। इससे पहले, पुणे में भारत-बांग्लादेश वनडे विश्व कप मैच के दौरान भी एक बांग्लादेशी फैन, शोएब अली बुखारी, ने आरोप लगाया था कि भारतीय प्रशंसकों ने उनके साथ मारपीट की थी और उनके झंडे को फाड़ दिया गया था।

सुरक्षा उपाय

कानपुर में इस टेस्ट मैच के लिए सुरक्षा कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस कमिश्नर हरीश चंदर ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ हिंदू महासभा द्वारा विरोध प्रदर्शन की आशंका के चलते सुरक्षा बढ़ाई गई है। यूपी पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई भी विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

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निष्कर्ष

यह घटना दर्शाती है कि खेल के मैदान में प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ स्नेह और सम्मान का होना भी जरूरी है। बांग्लादेशी फैन की पिटाई से यह सवाल उठता है कि क्या खेल के मैदान में इस प्रकार की हिंसा को सहन किया जा सकता है? इस प्रकार की घटनाएं न केवल खेल के माहौल को प्रभावित करती हैं, बल्कि समाज में भी नकारात्मक संदेश भेजती हैं।

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