चितरंगी।
चितरंगी तहसील मुख्यालय में शनिवार को किसानों, युवाओं और व्यापारियों ने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। पिछले दो महीनों से लगातार बिजली संकट झेल रहे उपभोक्ताओं ने एकजुट होकर “हल्ला बोल” किया और तहसील कार्यालय पहुंचकर उपखंड अधिकारी के नाम 15 सूत्रीय ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा। इस आंदोलन का नेतृत्व युवा नेता लक्ष्मण सिंह बैस ने किया।
लगातार बिजली संकट से परेशान लोग
ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में बार-बार अघोषित बिजली कटौती हो रही है। लो-वोल्टेज की समस्या इतनी गंभीर है कि पंखे और मोटर तक नहीं चल पाते। जले हुए ट्रांसफार्मर महीनों तक बदले नहीं जाते और कई जगह पोल खड़े हैं लेकिन अब तक तार नहीं डाले गए। किसान बोले कि सिंचाई ठप हो जाने से फसल पर संकट खड़ा हो गया है।
व्यापारियों का कहना था कि अनियमित बिजली से उनका कारोबार चौपट हो रहा है। वहीं, आम उपभोक्ता घरेलू परेशानियों से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार शिकायत के बावजूद बिजली विभाग ध्यान नहीं देता।
ग्रामीणों की मुख्य मांगें
ज्ञापन में ग्रामीणों ने साफ कहा कि यदि जल्द ही समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उनकी मुख्य मांगें इस प्रकार थीं—
अघोषित बिजली कटौती पर रोक लगे।
लो-वोल्टेज की समस्या का समाधान हो।
जले हुए ट्रांसफार्मर बदले जाएं।
खाली पड़े पोल पर केबल डालकर आपूर्ति शुरू की जाए।
किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली मिले।


बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी
विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। कार्यक्रम में उमा शंकर सिंह बैस, प्रशांत सिंह बादल, अम्बिकेश धर द्विवेदी, रामधनी पाल, शिवेंद्र सिंह चंदेल, अमितराज सिंह चंदेल, प्रवीण सिंह, रामप्रसाद बैस, कृष्णकांत पाठक, कार्यमनी सिंह, सूरज सिंह, दिलीप सिंह, इंद्रजीत, ओम प्रकाश द्विवेदी, अनुप बंसल, अनिल पाल, कृष्णा कुमार सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए।
नेताओं ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है। अगर विभाग ने गंभीरता नहीं दिखाई तो आने वाले दिनों में किसान, व्यापारी और युवा मिलकर आंदोलन को और बड़ा करेंगे।
प्रशासन का आश्वासन
ज्ञापन सौंपने के बाद तहसीलदार ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उपखंड अधिकारी को इसकी जानकारी दी जाएगी और जल्द ही समाधान की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
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स्पष्ट है कि चितरंगी क्षेत्र में बिजली समस्या अब ग्रामीणों के जीवन का गंभीर मुद्दा बन चुकी है। खेती से लेकर कारोबार तक सब प्रभावित हो रहा है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द सुधार नहीं हुआ तो यह आंदोलन और तेज़ होगा।