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खाद वितरण केन्द्रों पर उमड़ी किसानों की भीड़, अव्यवस्था से हालात बिगड़े, पुलिस तक तैनात

रीवा
मध्य प्रदेश के रीवा जिले में कई दिनों से खाद की किल्लत झेल रहे किसानों को रविवार को बड़ी राहत मिली, जब जिले के विभिन्न खाद वितरण केन्द्रों को खोला गया। जैसे ही वितरण शुरू हुआ, केंद्रों पर किसानों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। हालात ऐसे बने कि रात 3 बजे से ही किसान लाइन में लग गए थे। सुबह केंद्र खुलते ही अफरा-तफरी का माहौल बन गया और कुछ समय के लिए व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ गई। स्थिति संभालने के लिए पुलिस को भी मौके पर तैनात करना पड़ा।

किसानों का आरोप – कई दिनों से लग रहे थे चक्कर

किसानों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बीते कई दिनों से कृषि सेवा सहकारी समितियां और डबल लॉक सेंटर खाद वितरण में नाकाम रहे। किसानों को सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा था लेकिन खाद उपलब्ध नहीं हो रही थी। हाल ही में आई एक रैक से सिर्फ 42 समितियों को खाद मिला, जबकि जिले में 148 समितियां हैं। इससे अधिकांश किसानों को दूर-दराज जाकर खाद खरीदना पड़ा।

पोर्टल की तकनीकी खामियों ने बढ़ाई परेशानी

खाद वितरण में तकनीकी दिक्कतें भी सामने आईं। थंब लगाने की प्रक्रिया में पोर्टल बार-बार बंद हो रहा था। दोपहर बाद कुछ समय के लिए तो पोर्टल पूरी तरह ठप हो गया, जिसके चलते वितरण कार्य रुक गया और किसानों की नाराजगी और बढ़ गई। कई केंद्रों पर भीड़ और ज्यादा अनियंत्रित हो गई।

यूपी से ला रहे महंगा खाद

जिले के तराई अंचल में हालत और भी खराब हैं। यहां धान की खेती के लिए खाद की भारी जरूरत है। स्थानीय दुकानों में स्टॉक खत्म हो चुका है। ऐसे में किसान उत्तर प्रदेश के बार्डर पार नारीबारी और खीरी जैसे इलाकों से महंगे दाम पर खाद ला रहे हैं। किसानों का कहना है कि जहां रीवा में यूरिया 270 रुपये प्रति बोरी में मिलता है, वहीं यूपी में उन्हें 600 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं। किसान मोटरसाइकिल पर तीन-चार बोरी रखकर खाद ला रहे हैं।

किसानों ने सुनाई अपनी पीड़ा

  • विकास पांडेय (झिरिया निवासी) – “कई दिनों से खाद के लिए भटक रहा हूं। करहिया केंद्र में सुबह 6 बजे से लाइन में लगा हूं, लेकिन 12 घंटे इंतजार करने के बाद भी खाद नहीं मिल पाई। प्रशासन ने कोई अतिरिक्त इंतजाम नहीं किया।”
  • अनिल सिंह (अमवा निवासी) – “रात 3 बजे से लाइन में लगा हूं। भीड़ और धक्का-मुक्की के चलते कई बार लाइन बदलनी पड़ी। पुलिस आई लेकिन व्यवस्था सुधार नहीं पाई।”
  • बालकृष्ण तिवारी (रुपौली निवासी) – “सुबह 5 बजे से लाइन में हूं। पोर्टल बंद होने के कारण वितरण रोक दिया गया, जिससे और अव्यवस्था हो गई। पुलिस बल भी पर्याप्त नहीं था।”

किसान संगठन ने उठाए सवाल

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रतमणि त्रिपाठी ने कहा कि प्रशासन किसानों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि कई किसान पूरे दिन लाइन में खड़े रहने के बाद भी खाली हाथ लौटे। अगर समय पर पर्याप्त स्टॉक और पुलिस व्यवस्था होती, तो हालात इतने बिगड़ते नहीं।

प्रशासन का दावा – जल्द मिलेगा समाधान

रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा कि किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। जल्द ही नई रैक आने वाली है। हर किसान को पर्याप्त खाद उपलब्ध कराया जाएगा। तकनीकी दिक्कतों को भी दूर कर लिया गया है और अगली खेप आने के बाद हालात पूरी तरह सामान्य हो जाएंगे।

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किसानों की नाराजगी और प्रशासन की कोशिशों के बीच यह साफ है कि खाद संकट ने जिले में गहरी चिंता पैदा कर दी है। धान की फसल के इस अहम समय में खाद की उपलब्धता किसानों के लिए जीवन-मरण का सवाल है। ऐसे में प्रशासन को जल्द और ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि किसान राहत की सांस ले सकें।

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