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खाद संकट पर सियासी घमासान: विपक्ष का हंगामा, कैबिनेट मंत्री ने बताया बेबुनियाद

मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र गुरुवार को एक बार फिर विपक्ष और सरकार के बीच तीखी नोकझोंक और हंगामे की भेंट चढ़ गया। खाद की कथित कमी और किसानों की परेशानी को लेकर कांग्रेस विधायकों ने सदन के भीतर और बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने जहां खाद की किल्लत का मुद्दा उठाकर सरकार को घेरा, वहीं कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि राज्य में खाद की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।

खाद की बोरी लेकर पहुंचे कांग्रेस विधायक

गुरुवार को जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने वाली थी, कांग्रेस विधायक खाद की बोरी लेकर सदन परिसर में पहुंचे और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। उनका आरोप था कि किसानों को खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन सरकार स्थिति को छुपा रही है। कांग्रेस का कहना है कि खाद की जगह किसानों को नैनो यूरिया थमाया जा रहा है, जो उनकी फसल के लिए पर्याप्त नहीं है।

सरकार का पलटवार: स्थिति नियंत्रण में

कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस के आरोपों को राजनीतिक और बेबुनियाद बताते हुए कहा कि,

“प्रदेश में खाद की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। कहीं भी किसी भी तरह से किसानों को खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी। हमने खाद की एडवांस स्टोरेज की योजना पर सफलतापूर्वक काम किया है और सभी जिलों में पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। जिन स्थानों पर थोड़ी बहुत दिक्कत है, उसे भी जल्द दुरुस्त किया जा रहा है।”

सरकार ने यह भी दावा किया कि खरीफ सीजन के लिए समय पर खाद की आपूर्ति की जा रही है और किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है।

विजय शाह पर विवाद, कांग्रेस का वॉकआउट

इस बीच विधानसभा में उस वक्त तनाव और बढ़ गया, जब मंत्री विजय शाह सदन में उपस्थित हुए। विजय शाह पर कांग्रेस की विधायक कर्नल सोफिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। कांग्रेस ने उनके इस्तीफे की मांग करते हुए सदन में हंगामा शुरू कर दिया। काफी देर तक शब्दों की तलवारें चलती रहीं, जिसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

सदन की कार्यवाही 4 अगस्त तक स्थगित

लगातार हो रहे हंगामे के चलते विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 4 अगस्त तक स्थगित करने का फैसला लिया। यह मानसून सत्र का पांचवां दिन था, लेकिन अब तक अधिकांश समय हंगामे और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में ही बीता है।

उमंग सिंघार का तीखा हमला

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सदन के बाहर कहा,

“विजय शाह का बयान हाई कोर्ट तक ने अमाफी योग्य नहीं बताया है, लेकिन भाजपा उन्हें बचाने में लगी है। क्या अब बीजेपी हाई कोर्ट से भी ऊपर हो गई है? जब पूरा देश चाहता था कि पाकिस्तान को सबक सिखाया जाए, तब भाजपा सीजफायर कर बैठी। सरकार देश की भावना को नहीं समझ रही।”

उन्होंने खाद संकट को लेकर भी सरकार पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि किसान परेशान हैं, लेकिन सरकार कागजी आंकड़ों से स्थिति को छुपा रही है।

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राजनीतिक तापमान चढ़ा, जनता देख रही

खाद संकट, महिला विधायक पर टिप्पणी और सदन के भीतर हंगामे ने राजनीतिक तापमान को गर्म कर दिया है। जहां विपक्ष सरकार पर हमलावर है, वहीं सत्ताधारी पार्टी अपने मंत्रियों के बचाव में खड़ी है। अब नजर 4 अगस्त को होने वाली अगली कार्यवाही पर है, जहां यह साफ होगा कि सदन की गरिमा लौटेगी या फिर सियासी तूफान और तेज़ होगा।

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