ग्वालियर, 23 अगस्त 2024: ग्वालियर में मुख्यमंत्री मोहन यादव के दौरे के दौरान एक विवाद ने तूल पकड़ लिया, जब सेना के मेजर के अपहरण की झूठी खबर फैल गई। यह घटना गुरुवार की रात को घटी, जब मेजर आशीष चौहान अपनी बेटी को अस्पताल से दिखाकर कार में अपने घर लौट रहे थे।
घटना की शुरुआत और विवाद
ग्वालियर के एमआईटीएस कॉलेज के पास तेज रफ्तार इनोवा कार ने मेजर की गाड़ी को टक्कर मार दी। मेजर ने इनोवा कार चालक को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सके। इस बीच, सीएम मोहन यादव का काफिला गुज़रने वाला था, और ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने मामले में हस्तक्षेप करने में असमर्थता जताई। इस पर मेजर और ट्रैफिक पुलिसकर्मी के बीच विवाद हो गया, जो कि जल्द ही मारपीट में बदल गया।
अफवाहों का फैलाव और भूतपूर्व सैनिकों की नाराजगी
सिविल ड्रेस में मौजूद पुलिसकर्मियों ने मेजर को पकड़कर गोले का मंदिर थाने ले जाया। मेजर के परिवार वालों ने इसे अपहरण समझ लिया और रिश्तेदारों को सूचित कर दिया। घटनास्थल पर हंगामा बढ़ने पर पता चला कि मेजर का अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि उन्हें पुलिस ने थाने ले लिया था। इस पर भूतपूर्व सैनिक और मेजर के परिजनों ने थाने में विरोध प्रदर्शन किया।
ऊर्जा मंत्री को घेराव
शुक्रवार को नाराज भूतपूर्व सैनिक ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले पर पहुंच गए और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। भूतपूर्व सैनिकों ने मंत्री की बातों से असंतुष्ट होकर नारेबाजी की और मंत्री को अपनी गाड़ी में बैठकर बंगले से निकलने पर मजबूर कर दिया। मंत्री ने मीडिया से कहा कि वह उचित कार्रवाई करवाएंगे और अधिकारियों से बैठक करेंगे।
आगे की स्थिति और चेतावनी
भूतपूर्व सैनिकों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो वे पूरे मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। इस विवाद ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर दिए हैं और स्थिति को शांत करने के लिए तत्काल उपायों की मांग की गई है।