Homeप्रदेशचलती ट्रेन का इंजन फेल, गर्मी में घंटों फंसे रहे यात्री

चलती ट्रेन का इंजन फेल, गर्मी में घंटों फंसे रहे यात्री

ग्वालियर, मध्य प्रदेश: नई दिल्ली से जबलपुर जा रही 12191 श्रीधाम एक्सप्रेस के यात्रियों को उस वक्त भारी परेशानी का सामना करना पड़ा जब ट्रेन का इंजन अचानक रास्ते में फेल हो गया। यह घटना रविवार शाम को ग्वालियर से पहले बानमोर स्टेशन के पास हुई, जब ट्रेन अचानक रुक गई और फिर घंटों तक वहीं खड़ी रही।

इंजन फेल, यात्रियों की परेशान

घटना रविवार शाम 6:36 बजे की है, जब चलती ट्रेन का इंजन एकदम बंद हो गया। लोको पायलट ने तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना दी, लेकिन रेलवे की ओर से किसी ठोस कार्रवाई में करीब ढाई घंटे का समय लग गया। इस दौरान भीषण गर्मी में यात्री ट्रेन में बिना पंखे और पानी के बेहद परेशान नजर आए।

रेलवे की ओर से न तो यात्रियों को कोई जानकारी दी गई और न ही स्टेशन पर सूचना केंद्र पर कोई कर्मचारी मौजूद था, जिससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई।

मालगाड़ी के इंजन से आई राहत

रेलवे की लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार मालगाड़ी का एक इंजन मंगवाया गया, जिसे ट्रेन से जोड़कर ग्वालियर रेलवे स्टेशन तक ट्रेन को खींचकर लाया गया। वहां इंजीनियरों की टीम ने ट्रेन के मूल इंजन की जांच की और सुधार कार्य शुरू किया। जांच के बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना कर दिया गया।

हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में ट्रेन घंटों की देरी से चल रही थी और खबर लिखे जाने तक सोमवार सुबह तक जबलपुर नहीं पहुंच पाई थी

इंजन फेल होने का कारण अज्ञात, जांच जारी

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इंजन के फेल होने के तकनीकी कारणों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि इंजन में अचानक तकनीकी खराबी आई थी, लेकिन विस्तृत जानकारी जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगी।

लचर व्यवस्था पर उठे सवाल

घटना ने एक बार फिर रेलवे की आपातकालीन व्यवस्था और सूचना तंत्र की पोल खोल दी है। न यात्रियों को समय पर जानकारी दी गई, न कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई और न ही कोई रेलवे अधिकारी मौके पर यात्रियों से संवाद करता नजर आया। यात्रियों का कहना है कि अगर समय पर मालगाड़ी का इंजन लगाया गया होता तो उन्हें इतनी परेशानी नहीं उठानी पड़ती।

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सिस्टम पर उठते सवाल, यात्री उम्मीद में

श्रीधाम एक्सप्रेस की यह घटना रेलवे की तकनीकी और प्रबंधन खामियों की एक और मिसाल बन गई है। गर्मी, देरी, सूचना के अभाव और बेसहारा यात्रियों की पीड़ा ने रेल व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि रेलवे इस मामले में क्या सबक लेता है और आगे ऐसी घटनाएं रोकने के लिए क्या कदम उठाता है।

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