मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के दो दिल दहला देने वाले मामले सामने आए हैं। सतना जिले के चित्रकूट में एक होटल कारोबारी ने अपनी पत्नी को बेरहमी से पीटा, जबकि अशोकनगर जिले में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को लातों से मारकर मौत के घाट उतार दिया। दोनों घटनाएं समाज में महिला सुरक्षा और घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं।
चित्रकूट: होटल कारोबारी की दरिंदगी सीसीटीवी में कैद
चित्रकूट शहर में स्थित एक होटल के मालिक शिवम अग्रवाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें वह अपनी पत्नी को लात-घूंसे मारते हुए दिखाई दे रहा है। घटना 19 जुलाई की रात की बताई जा रही है और यह होटल की गैलरी में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुई है।
वीडियो में शिवम अग्रवाल अपनी पत्नी को बाल पकड़कर घसीटते हुए, फर्श पर पटकते और बुरी तरह पीटते हुए नजर आ रहा है। इस दौरान वहां उनका छोटा बच्चा भी मौजूद था, जो मां पर हो रही हैवानियत को देखकर डरा-सहमा नजर आया।
हालांकि महिला ने अब तक इस घटना को लेकर कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई है, लेकिन पुलिस ने वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए आरोपी के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की है। चित्रकूट थाना प्रभारी के अनुसार, अगर महिला आगे चलकर शिकायत करती है तो आरोपी पर आईपीसी की मारपीट से संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।

अशोकनगर: पत्नी को लात मारकर उतारा मौत के घाट
दूसरी घटना अशोकनगर जिले के साजनमऊकला गांव की है, जहां एक पति ने अपनी पत्नी की इस कदर पिटाई की कि उसकी मौत हो गई। आरोपी का नाम चंदपाल सिंह यादव (40) है, जिसने अपनी पत्नी रामकली बाई को फिजूलखर्ची को लेकर हुई कहासुनी में पेट पर लगातार 10-15 लातें मारी।
पुलिस की जांच में सामने आया कि महिला की आंतों और पेट की नसें डैमेज हो गईं, जिसके कारण वह असहनीय दर्द में तड़पती रही। परिजन जब तक उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी और डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना की पुष्टि करते हुए अशोकनगर पुलिस ने बताया कि आरोपी पति के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
क्या कहती है पुलिस?
दोनों मामलों में पुलिस की ओर से त्वरित कार्रवाई की गई है, लेकिन सवाल यह है कि घरेलू हिंसा को लेकर पीड़ित महिलाएं अक्सर शिकायत क्यों नहीं करतीं? चित्रकूट के मामले में यदि वीडियो सामने नहीं आता, तो संभवतः घटना दबा दी जाती।
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पुलिस अधिकारियों ने महिलाओं से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की हिंसा या उत्पीड़न को सहन न करें और समय रहते शिकायत करें, ताकि दोषियों को कड़ी सजा मिल सके।
समाज को भी लेनी होगी जिम्मेदारी
इन दोनों घटनाओं ने एक बार फिर यह साबित किया है कि घरेलू हिंसा अब भी एक गंभीर सामाजिक चुनौती बनी हुई है। जहां एक ओर महिलाएं अपने घरों में असुरक्षित महसूस कर रही हैं, वहीं समाज का मौन रवैया अपराधियों के हौसले बढ़ाता है। जरूरत है कि हम इन घटनाओं के खिलाफ मजबूत सामाजिक और कानूनी संदेश दें।