छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश:
पीडब्ल्यूडी मंत्री और छिंदवाड़ा के प्रभारी मंत्री राकेश सिंह बुधवार रात अपने पहले आधिकारिक दौरे पर जिले में पहुंचे। गुरुवार को मंत्री प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और जिले की लंबित विकास योजनाओं की समीक्षा करेंगे। जनता और स्थानीय नेताओं को उम्मीद है कि मंत्री जी के इस दौरे से छिंदवाड़ा में ठप पड़ी परियोजनाओं को गति मिलेगी।
दुर्दशा से उम्मीदों की ओर
साल 2020 में कमलनाथ सरकार के पतन के बाद छिंदवाड़ा की विकास योजनाएं ठंडे बस्ते में चली गई थीं। विश्वविद्यालय भवन, कृषि और हॉर्टीकल्चर कॉलेज, जेल कॉम्प्लेक्स, और सिंचाई परियोजनाओं पर काम रुक गया था। शिवराज सरकार के कार्यकाल में इन परियोजनाओं का बजट कट गया, और कई टेंडर रद्द हो गए।

अब, जब लोकसभा सांसद बंटी साहू और अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह भाजपा से निर्वाचित हुए हैं, तो जिले में विकास की उम्मीदें बढ़ गई हैं। प्रभारी मंत्री के रूप में राकेश सिंह को इन योजनाओं को पुनर्जीवित करने की चुनौती दी गई है।
महत्वपूर्ण परियोजनाएं जिन पर ध्यान अपेक्षित
- कृषि और हॉर्टीकल्चर कॉलेज:
पूर्ववर्ती सरकार ने ग्राम खुनाझिरखुर्द में 230 एकड़ भूमि और 146 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। भवन के अभाव में कॉलेज के 129 छात्र अस्थायी भवन में पढ़ाई कर रहे हैं। - डॉ. शंकर शाह विश्वविद्यालय का भवन निर्माण:
सारना में भूमि उपलब्ध होने के बावजूद निर्माण कार्य नहीं हुआ है। - सिंचाई कॉम्प्लेक्स योजना:
4,500 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित यह परियोजना धीमी प्रगति का शिकार है। - स्व-सहायता समूहों का भुगतान:
महिला एवं बाल विकास विभाग के स्व-सहायता समूहों को नाश्ता और भोजन के लिए पिछले आठ महीने से भुगतान नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री के आदेशों के बावजूद यह मामला अटका हुआ है। - पेंच नदी बाढ़ प्रभावित पुल का निर्माण:
चौरई विकासखंड के सांख-हलालखुर्द-साजपानी मार्ग का पुल बाढ़ में टूटने के बाद अब तक नहीं बन सका है। - गारमेंट पार्क परियोजना:
लहगडुआ में स्वीकृत गारमेंट पार्क प्रोजेक्ट भी अधर में है। - स्मार्ट सिटी और सांस्कृतिक विकास:
छिंदवाड़ा को स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शामिल करने, टाउन हॉल, जैव विविधता पार्क और ऑडिटोरियम के निर्माण की जरूरत है।
निगम की आर्थिक स्थिति बदहाल

चुंगी क्षतिपूर्ति राशि में कटौती के कारण नगर निगम आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। कर्मचारियों को वेतन देने में देरी हो रही है। महापौर विक्रम अहके ने सरकार को 130 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का प्रस्ताव भेजा है, जिन पर त्वरित निर्णय की अपेक्षा है।
मंत्री के दौरे से उम्मीदें
प्रभारी मंत्री राकेश सिंह से अपेक्षा है कि वह छिंदवाड़ा के लंबित प्रोजेक्ट्स के लिए राज्य सरकार से पर्याप्त बजट स्वीकृत करवाएंगे। साथ ही, स्थानीय विकास योजनाओं को प्राथमिकता देकर जनता की समस्याओं का समाधान करेंगे।
स्थानीय जनता की मांग
आम नागरिकों और स्थानीय नेताओं का कहना है कि छिंदवाड़ा को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने और बुनियादी सुविधाओं के साथ पर्यटन और सांस्कृतिक परियोजनाओं को गति देने की जरूरत है।
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प्रभारी मंत्री के दौरे को जिले के लिए विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब देखना यह है कि सरकार और प्रशासन इन मांगों पर कितनी तेजी से काम करते हैं।