मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में एक मामूली टॉय गन से शुरू हुआ विवाद देर रात बीजेपी के दो राजनीतिक परिवारों की खुली भिड़ंत में तब्दील हो गया। यह घटना शहर के दशहरा मैदान के सामने स्थित एक आइसक्रीम पार्लर में घटी, जहां बीजेपी नेता विजय पांडे और महिला नेत्री अमिता बरहैया के परिवारों के बीच जमकर कहासुनी और हाथापाई हुई। मामला थाने पहुंचा और अब तीन लोगों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
सगाई के बाद आइसक्रीम पार्टी में हुआ विवाद
जानकारी के अनुसार, अमिता बरहैया के बेटे सारांश बरहैया की दो दिन पहले ही अनुष्का नामदेव से सगाई हुई थी। सगाई के बाद सारांश अपनी मंगेतर, उसके भाई-बहन के साथ आइसक्रीम पार्लर गया था। वहीं बीजेपी नेता विजय पांडे के बेटे शिवाय पांडे अपनी मां और भाभी के साथ उसी समय वहां पहुंच गए।
विवाद की शुरुआत एक टॉय गन से हुई, जो सारांश ने अपनी मंगेतर के 13 वर्षीय भाई के लिए खरीदी थी। बच्चों के बीच किसी बात पर कहा-सुनी हुई और बात धीरे-धीरे शिवाय और सारांश के बीच बहस और फिर हाथापाई तक पहुंच गई।
राजनीतिक टकराव में बदल गया मामला
घटना की सूचना मिलने पर दोनों पक्षों के वरिष्ठ नेता — विजय पांडे और अमिता बरहैया — मौके पर पहुंच गए। वहां पर कुंडीपुरा थाने के टीआई मनोज बघेल ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन विजय पांडे के पक्ष ने टीआई की मौजूदगी पर सवाल खड़े कर दिए और निष्पक्षता पर आपत्ति जताई। टीआई से भी तीखी बहस हुई।

अनुष्का नामदेव की शिकायत पर विजय पांडे, शिवाय पांडे और शिखर पांडे के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 296, 115(2), 351(2), 3(5) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
बुधवार को विजय पांडे ने पुलिस अधीक्षक से मिलकर अपनी ओर से पक्ष रखा और आरोप लगाया कि उनके परिवार को राजनीतिक द्वेष के चलते निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई की मांग की।
कमलनाथ ने उठाए सवाल, भाजपा पर सीधा हमला
इस पूरे विवाद ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा:
“छिंदवाड़ा में सत्ता के अहंकार में भाजपा नेताओं की गुंडागर्दी दिन पर दिन बढ़ रही है। बीती रात विजय पांडे, शिवाय पांडे और शिखर पांडे ने एक युवती और उसके परिवार के साथ अभद्र व्यवहार किया। क्या बहन-बेटियों का अपमान ही भाजपा की संस्कृति है?”
कमलनाथ ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए राज्य सरकार को कानून व्यवस्था पर सवालों के कटघरे में खड़ा किया।
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एक टॉय गन से शुरू हुआ विवाद अब छिंदवाड़ा की राजनीति में हलचल पैदा कर चुका है। यह मामला केवल आपसी झगड़ा नहीं, बल्कि बीजेपी के आंतरिक मतभेद, स्थानीय पुलिस की निष्पक्षता पर संदेह, और राजनीतिक विरोधियों के लिए हथियार बन चुका है। देखना होगा कि राज्य सरकार और प्रशासन इस पर कैसी कार्रवाई करता है।