सीधी (मध्यप्रदेश)। भारतीय जनता पार्टी ने महिला सम्मान को प्राथमिकता देते हुए एक कड़ा संदेश दिया है। सीधी जिले के जिला उपाध्यक्ष सुरेश सिंह पर लगे छेड़छाड़ के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए पार्टी ने उन्हें पद से हटाने के साथ ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी निष्कासित कर दिया है। यह निर्णय बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने तत्काल प्रभाव से लिया।
घटना के अनुसार, सीधी जिले में कार्यरत एक युवती, जो एक प्रेस कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत है, ने सुरेश सिंह पर अश्लील हरकतें करने का गंभीर आरोप लगाया था। युवती की शिकायत भाजपा जिला अध्यक्ष देव कुमार सिंह और सीधी की विधायक रीति पाठक के पास पहुंची। उन्होंने इस मामले को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुँचाया। प्रारंभिक जांच के बाद आरोपों में सच्चाई पाई गई, जिसके आधार पर बीजेपी ने यह कठोर कदम उठाया।

बीजेपी द्वारा जारी निष्कासन पत्र में साफ कहा गया है कि, “सीधी जिले के भाजपा जिला उपाध्यक्ष सुरेश सिंह द्वारा किया गया अशोभनीय कृत्य पार्टी की छवि को धूमिल करता है। यह कृत्य असहनीय है, इसलिए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया जाता है।”इस पूरे मामले की पुलिस में अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह खबर तेजी से फैल रही है।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व अब ऐसी किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा जो पार्टी की छवि या सामाजिक मूल्यों के खिलाफ हो।विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी का यह निर्णय एक कड़ा संदेश देता है कि चाहे कोई कितना भी बड़ा पदाधिकारी क्यों न हो, अगर वह अनुशासनहीनता या महिलाओं के प्रति अपमानजनक व्यवहार में लिप्त पाया गया, तो उस पर कठोर कार्रवाई तय है।
इस घटनाक्रम से यह भी साफ है कि बीजेपी नेतृत्व, विशेष रूप से वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन में शुचिता और मर्यादा कायम रखने के प्रति पूरी तरह गंभीर हैं।हालांकि, अभी इस मामले में पुलिसिया कार्यवाही की शुरुआत नहीं हुई है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे युवती इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराती है या नहीं।
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भारतीय जनता पार्टी ने इस त्वरित कार्रवाई के जरिए यह साबित कर दिया है कि पार्टी के लिए संगठन की छवि और महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि है। सुरेश सिंह का निष्कासन न केवल एक उदाहरण है, बल्कि एक चेतावनी भी है कि पार्टी में अनुशासन से समझौता नहीं किया जाएगा।