मध्यप्रदेश के जबलपुर रेलवे स्टेशन पर उस वक्त खुशी का माहौल बन गया जब बिहार के मोतिहारी की रहने वाली महिला यात्री मीना कुमारी ने प्लेटफॉर्म पर ही एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। यह घटना न केवल रेलवे स्टाफ बल्कि यात्रियों के लिए भी अविस्मरणीय बन गई। संघमित्रा एक्सप्रेस से बेंगलुरू से बिहार के दानापुर की यात्रा कर रही मीना को जबलपुर स्टेशन पर अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई।
सफर में अचानक बिगड़ी तबीयत
मीना कुमारी अपने पति और परिवार के साथ संघमित्रा एक्सप्रेस में सफर कर रही थीं। ट्रेन जैसे ही जबलपुर रेलवे स्टेशन पहुंची, अचानक उन्हें प्रसव पीड़ा होने लगी। परिजनों और सहयात्रियों ने तुरंत रेलवे अधिकारियों को सूचित किया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, रेलवे स्टाफ और जीआरपी ने त्वरित सहायता का निर्णय लिया।
प्लेटफॉर्म पर ही कराई डिलीवरी
मीना को प्रसव पीड़ा होने पर ट्रेन से उतारा गया। चूंकि दर्द इतना तेज था कि अस्पताल तक पहुंचाना संभव नहीं था, इसलिए प्लेटफॉर्म नंबर चार पर ही डिलीवरी कराने का निर्णय लिया गया। महिलाओं और महिला जीआरपी स्टाफ की मदद से एक आपातकालीन डिलीवरी कक्ष तैयार किया गया। महिलाओं ने चादरों से पर्दा बनाकर मीना के चारों ओर घेरा बनाया। महिला डॉक्टर और रेलवे के स्वास्थ्यकर्मियों की सहायता से सुरक्षित प्रसव कराया गया।

डिलीवरी के बाद जैसे ही नवजात की किलकारी गूंजी, पूरे रेलवे स्टेशन पर खुशी की लहर दौड़ गई। आसपास के यात्री और रेलवे कर्मचारी, जो इस घटना को देख रहे थे, तालियों से खुशी जाहिर करने लगे। नवजात और उसकी मां दोनों स्वस्थ थे, जिसे देखकर सभी ने राहत की सांस ली।
रेलवे और जीआरपी स्टाफ का सराहनीय योगदान
रेलवे और जीआरपी स्टाफ ने जिस तरह से त्वरित निर्णय लिया और सहयोग किया, उसकी प्रशंसा हर कोई कर रहा है। मीना के परिजनों ने भी रेलवे कर्मचारियों और सहयात्रियों के प्रति आभार प्रकट किया। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि यह घटना मानवता और सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
अस्पताल में मिली और देखभाल
डिलीवरी के तुरंत बाद मीना और नवजात को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां डॉक्टरों ने दोनों की जांच की और स्वस्थ पाए जाने पर राहत की बात कही। अस्पताल प्रशासन ने भी रेलवे स्टाफ के मानवीय कदम की सराहना की।
यह घटना रेलवे स्टाफ और यात्रियों की मानवीय संवेदना को उजागर करती है। जिस तरह से महिलाओं और जीआरपी स्टाफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मदद की, वह काबिल-ए-तारीफ है।
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कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने रेलवे और जीआरपी के समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि संकट की घड़ी में इस तरह की मदद समाज में एक सकारात्मक संदेश देती है।
मीना कुमारी का यह अनुभव न केवल जबलपुर रेलवे स्टेशन के लिए एक यादगार घटना बन गया है, बल्कि यह दर्शाता है कि मुश्किल परिस्थितियों में भी मानवता और सहानुभूति के साथ मिलकर काम करने से किसी की जान बचाई जा सकती है। यह घटना उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो समाज सेवा में विश्वास रखते हैं।