Homeप्रदेशटाटा महाविद्यालय सीधी में बघेली महोत्सव का भव्य आयोजन

टाटा महाविद्यालय सीधी में बघेली महोत्सव का भव्य आयोजन

टाटा महाविद्यालय, सीधी में आयोजित दो दिवसीय बघेली महोत्सव में सभी शहरवासियों का हार्दिक स्वागत किया गया। यह महोत्सव 27 मार्च 2025 से 28 मार्च 2025 तक चलेगा।

मुख्य अतिथि के रूप में धर्मेंद्र सिंह परिहार, जनपद अध्यक्ष, सीधी उपस्थित रहे, जबकि विशिष्ट अतिथियों में श्रीमती रचनाराजे सिंह (संचालिका, सिद्ध भूमि इंटरनेशनल स्कूल, सीधी), बृजेश सिंह सरल (बघेली साहित्यकार) शामिल रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता युवा समाजसेवी डॉ. अनूप मिश्रा ने की।

कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञों के रूप में डॉ. राम गरीब पांडे (बघेली साहित्यकार), डॉ. शिव शंकर मिश्र सरस (बघेली संस्कार), नीरज कुंदेर (बघेली लोक कला), रोशनी प्रसाद मिश्र (बघेली यंत्र) और नरेंद्र बहादुर सिंह (बघेली व्यंजन) उपस्थित रहे।

बघेली साहित्य और इतिहास पर विशेष चर्चा

महोत्सव के पहले दिन बघेली भाषा, संस्कृति और इतिहास पर केंद्रित सत्र आयोजित किए गए। साहित्य से जुड़े विशेषज्ञों ने बघेली के ऐतिहासिक महत्व और उसके विकास पर प्रकाश डाला। युवाओं को बघेली की जड़ों और उसकी विशेषताओं से अवगत कराया गया।

कार्यक्रम में बघेलखंड में प्रचलित पारंपरिक संगीत और वाद्ययंत्रों का प्रदर्शन भी किया गया। डॉ. अनूप मिश्रा और नीरज कुंदेर ने इन यंत्रों के उपयोग को व्यावहारिक रूप से प्रस्तुत किया, जिससे दर्शकों को बघेली लोक कला की समृद्धि को समझने का अवसर मिला।

सम्माननीय उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

महोत्सव में महाविद्यालय के संचालक इंजी. आर.बी. सिंह, प्रबंध संचालिका श्रीमती रचना राजेश सिंह , सीईओ डॉ. राजेश कुमार वर्मा, प्राचार्य श्री राघवेन्द्र द्विवेदी, टीआईटी प्राचार्य डॉ. देवेंद्र सिंह, अकादमिक डीन श्री सौरभ सिंह, वरिष्ठ लाइब्रेरियन एवं केंद्र अधीक्षक श्री बी.एल. सिंह, और सभी विभागाध्यक्षों एवं स्टाफ सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

दूसरे दिन व्यंजन और सांस्कृतिक प्रस्तुति
पहले दिन जहां बघेली के इतिहास और साहित्य पर चर्चा हुई, वहीं दूसरे दिन (28 मार्च 2025) को बघेली व्यंजन और अन्य सांस्कृतिक पहलुओं पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।

यह भी पढ़े :- स्वास्थ्य के महाकुंभ का आज शुभारंभ, मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित कई दिग्गज होंगे शामिल

यह महोत्सव बघेली संस्कृति के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रहा है।

बघेली संस्कृति के संरक्षण की अनूठी पहल

यह महोत्सव बघेली भाषा, कला, संगीत और खानपान को संरक्षित और प्रचारित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। स्थानीय लोगों, विद्यार्थियों और विशेषज्ञों की सहभागिता ने इसे एक सफल और यादगार आयोजन बना दिया। आयोजकों के अनुसार, भविष्य में भी इस प्रकार के महोत्सवों के माध्यम से बघेली संस्कृति को प्रोत्साहन दिया जाएगा।

RELATED ARTICLES

Most Popular