हैदराबाद: भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने शुक्रवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, claiming that the government’s claims regarding the crop loan waiver scheme are misleading. उन्होंने कृषि मंत्री तुम्मला नागेश्वर राव के हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा कि इससे यह स्पष्ट हो गया है कि फसल ऋण माफी योजना के 100 प्रतिशत लागू होने का दावा पूरी तरह से झूठा है।

कृषि मंत्री का बयान
केटी रामा राव ने कहा कि कृषि मंत्री ने स्पष्ट किया है कि 20 लाख किसानों का ऋण अभी भी माफ नहीं किया गया है, जो मुख्यमंत्री द्वारा किए जा रहे दावों की सच्चाई को उजागर करता है। रामा राव ने कहा, “इससे साबित होता है कि किसानों के प्रति विश्वासघात किया जा रहा है।”
कांग्रेस सरकार पर आरोप


बीआरएस नेता ने कांग्रेस सरकार पर भी आरोप लगाया कि वह फसल ऋण माफी योजना को पूरी तरह लागू न करके किसानों के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने 9 दिसंबर 2023 को 2 लाख रुपये तक के फसली ऋण माफ करने का वादा किया था, लेकिन 10 महीने बाद भी 20 लाख किसानों का ऋण माफ नहीं किया गया है।
रामा राव ने कहा, “अगर आधिकारिक आंकड़ा 20 लाख है, तो सोचिए कितने और किसानों का ऋण माफ किया जाना बाकी है।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने न केवल सभी किसानों का ऋण माफ करने में विफलता दिखाई है, बल्कि ऋतु बंधु योजना के तहत किसानों को वित्तीय सहायता भी नहीं दी है।


नागेश्वर राव का स्पष्टीकरण
कृषि मंत्री तुम्मला नागेश्वर राव ने हाल ही में कहा था कि 65.56 लाख किसानों में से 42 लाख ने बैंकों से फसल ऋण लिया था, जिसमें से 22 लाख ने ऋण माफी का लाभ उठाया है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली बीआरएस सरकार ने केवल 20 लाख किसानों का ऋण माफ किया था, जो कि उनके पहले कार्यकाल के अंतिम वर्ष 2018 में हुआ था।
तेलंगाना किसानों को भरोसा
कांग्रेस सरकार ने यह भी कहा है कि उन्होंने 22 लाख किसानों के बैंक खातों में 18,000 करोड़ रुपये जमा किए हैं, ताकि उनके 2 लाख रुपये तक के ऋण माफ किए जा सकें। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने 17 सितंबर को कहा था कि कुछ कठिनाइयां और चुनौतियां हैं, लेकिन हर पात्र किसान का कर्ज माफ करने का आश्वासन दिया गया है।
केटी रामा राव के इन आरोपों ने तेलंगाना की राजनीतिक स्थिति में एक नया मोड़ ला दिया है, और अब देखना यह है कि कांग्रेस सरकार इस स्थिति का सामना कैसे करती है।
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