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थाना प्रभारी रूपेश दुबे ने खाया जहर, आत्महत्या की कोशिश से पुलिस विभाग में हड़कंप

भोपाल (मध्य प्रदेश)।
राजधानी भोपाल के निशातपुरा थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। निशातपुरा थाने के प्रभारी निरीक्षक (टीआई) रूपेश दुबे ने रविवार रात ड्यूटी से घर लौटने के बाद जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की कोशिश की। उनकी हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है, और फिलहाल उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

ड्यूटी के बाद घर लौटते ही उठाया खौफनाक कदम

प्राप्त जानकारी के अनुसार, रूपेश दुबे रविवार देर शाम थाने से ड्यूटी पूरी कर अपने घर लौटे। उनका निवास द्वारकानगर क्षेत्र में स्थित है। घर पहुंचते ही उन्होंने किसी जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया, जिससे उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई।
परिजनों ने उनकी हालत गंभीर होते देख तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज जारी है।

डॉक्टरों ने बताया गंभीर, 24 घंटे क्रिटिकल

अस्पताल सूत्रों के अनुसार, रूपेश दुबे की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। डॉक्टर्स की एक विशेष टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है। जहर का प्रकार और शरीर पर उसका असर कितना गहरा है, इसकी जांच की जा रही है।
फिलहाल 24 से 48 घंटे उनके लिए बेहद अहम बताए जा रहे हैं।

पुलिस विभाग में मचा हड़कंप, वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे अस्पताल

जैसे ही इस घटना की खबर पुलिस महकमे में फैली, पूरे विभाग में हड़कंप मच गया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तत्काल अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायज़ा लिया।
रूपेश दुबे के सहकर्मियों और परिजनों से बातचीत की जा रही है ताकि आत्महत्या की वजहों का पता लगाया जा सके।
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “टीआई दुबे एक कर्तव्यनिष्ठ और शांत स्वभाव के अधिकारी माने जाते थे, यह घटना बेहद अप्रत्याशित है।”

पारिवारिक तनाव हो सकता है वजह, लेकिन पुष्टि नहीं

घटनास्थल और अस्पताल में मौजूद सूत्रों की मानें तो आत्महत्या के पीछे पारिवारिक तनाव की आशंका जताई जा रही है।
हालांकि, अब तक किसी भी पुलिस अधिकारी ने इस बात की औपचारिक पुष्टि नहीं की है।
मामले की गहन जांच के लिए संबंधित दस्तावेज, मोबाइल कॉल रिकॉर्ड और पारिवारिक परिस्थितियों की समीक्षा की जा रही है।

कोई सुसाइड नोट नहीं मिला

अभी तक पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। न ही रूपेश दुबे ने इस कदम को उठाने से पहले किसी को कोई सूचना दी। इससे मामला और भी रहस्यमय हो गया है।
पुलिस विभाग इस बात को लेकर भी चिंतित है कि कहीं ड्यूटी संबंधी तनाव, विभागीय दबाव या अन्य व्यक्तिगत कारण इस आत्मघाती कदम की वजह न हो।

मानसिक स्वास्थ्य को लेकर उठे सवाल

इस घटना के बाद एक बार फिर पुलिसकर्मियों की मानसिक स्थिति और तनाव प्रबंधन को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि पुलिसकर्मियों को अक्सर अत्यधिक मानसिक दबाव और सामाजिक अपेक्षाओं का सामना करना पड़ता है, जिसकी अनदेखी करना घातक हो सकता है।
हाल ही में देशभर में हुई ऐसी घटनाओं ने यह संकेत दिया है कि अब समय आ गया है जब पुलिस विभाग को अपने स्टाफ की मानसिक सेहत पर गंभीरता से काम करना होगा।

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भोपाल के थाना प्रभारी रूपेश दुबे की आत्महत्या की कोशिश ने पुलिस महकमे और पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है।
मामले की जांच जारी है और उम्मीद जताई जा रही है कि वे जल्द स्वस्थ होंगे और इस घटना के पीछे की सच्चाई भी सामने आएगी।
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि मानसिक तनाव और व्यक्तिगत परेशानियों को नजरअंदाज करना कितना खतरनाक हो सकता है।

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