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दमोह:- बीजा डोंगरी हाई स्कूल के तालाब में पहुंचा 7 फीट का मगरमच्छ, ग्रामीण दहशत में

दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह जिले में मगरमच्छों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। ब्यारमा नदी से निकलकर ये खतरनाक जीव अब ग्रामीण इलाकों के तालाबों और अन्य जलस्रोतों में पहुंच रहे हैं। हाल ही में, बीजा डोंगरी गांव में हाई स्कूल परिसर से लगे तालाब में 7 फीट लंबा मगरमच्छ दिखाई देने से इलाके में दहशत फैल गई है।
अगर वो स्कूल तक पहुंच गए है तो खतरा बहुत ज्यादा बढ़ चुका है, मगरमच्छ का स्कूल के बचो को शिकार बनाना काफी आसान होगा,

बच्चे की मौत, कई घायल:

इस महीने ही मगरमच्छ के हमले में एक बच्चे की मौत हो चुकी है और दस से अधिक लोग घायल हुए हैं। ब्यारमा नदी में मगरमच्छों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि वे आसपास के इलाकों में फैल रहे हैं।

वन विभाग की कार्रवाई:

वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचकर मगरमच्छ को पकड़ने के प्रयास कर रहे हैं। तालाब के आसपास पिंजरे लगाए गए हैं और लोगों को तालाब में जाने से रोका गया है। हालांकि, मगरमच्छ तालाब के गहरे पानी में होने के कारण उसे पकड़ना मुश्किल हो रहा है।

मध्य प्रदेश में मगरमच्छ

मध्य प्रदेश में मगरमच्छों का पाया जाना कोई नई बात नहीं है। ये जीव मुख्य रूप से नदियों, तालाबों और दलदली क्षेत्रों में पाए जाते हैं। जलवायु परिवर्तन और मानवीय गतिविधियों के कारण इनका आवास क्षेत्र सिकुड़ रहा है, जिसके कारण वे आबादी वाले इलाकों में आ रहे हैं।

भारत में मुख्य रूप से तीन प्रजाति के मगरमच्छ पाए जाते हैं:

घड़ियाल (Gavialis gangeticus): यह भारत की प्रमुख नदियों में पाया जाता था, लेकिन अब इसकी संख्या बहुत कम हो गई है। इसकी लंबी और पतली थुंडी इसे अन्य मगरमच्छों से अलग करती है।
सामान्य मगरमच्छ (Crocodylus palustris): यह भारत के अधिकांश भागों में पाया जाता है और इसे भारतीय मगरमच्छ भी कहा जाता है। यह तालाबों, झीलों और नदियों में रहता है।
घड़ियाल मगरमच्छ (Crocodylus porosus): यह दुनिया का सबसे बड़ा मगरमच्छ है और भारत के पूर्वी तट पर पाया जाता है। यह खारे पानी में भी रह सकता है।
कई प्रजातियों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है। इनका प्राकृतिक आवास नष्ट होना, अवैध शिकार और जल प्रदूषण इनके लिए सबसे बड़े खतरे हैं।


दमोह में मगरमच्छों के बढ़ते आतंक से निपटने के लिए व्यापक प्रयासों की आवश्यकता है। इसमें मगरमच्छों के संरक्षण के साथ-साथ लोगों को जागरूक करना और सुरक्षा के उपाय करना शामिल है। सरकार, वन विभाग और स्थानीय समुदायों को मिलकर काम करना होगा ताकि इस समस्या का समाधान निकाला जा सके

ग्रामीणों के लिए खतरा: मगरमच्छों के हमलों से बचने के लिए ग्रामीणों को सावधान रहने की जरूरत है। उन्हें तालाबों और नदियों में अकेले नहीं जाना चाहिए और बच्चों को विशेष रूप से सतर्क रखना चाहिए।

क्या करें:

  • तालाबों और नदियों से दूर रहें: विशेषकर अकेले।
  • बच्चों को हमेशा साथ रखें: और उन्हें पानी के पास खेलने से रोकें।
  • शोर मचाएं: अगर मगरमच्छ दिखाई दे तो शोर मचाकर उसे भगाने की कोशिश करें।
  • वन विभाग को सूचित करें: अगर किसी इलाके में मगरमच्छ दिखाई दे तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें।
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