भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए एक नया प्रचार गीत लॉन्च किया है। इस गीत का शीर्षक ‘जो राम को लेकर आए, उनका राज होगा दिल्ली में’ है। यह गीत न केवल भाजपा की चुनावी रणनीति को उजागर करता है बल्कि मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए प्रमुख मुद्दों और वादों पर भी जोर देता है।
प्रचार गीत और संदेश
- गीत में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का उल्लेख किया गया है, जो भाजपा की विचारधारा और उपलब्धियों को रेखांकित करता है।
- दिल्ली के निवासियों की प्रदूषण, गंदे पेयजल, सीवेज की समस्या, और कचरा प्रबंधन जैसी प्रमुख समस्याओं को उजागर किया गया है।
- भाजपा ने “डबल इंजन सरकार” की आवश्यकता पर जोर दिया है, जो केंद्र और राज्य में समन्वित शासन का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री चेहरे पर संकेत
- गीत में यह भी संकेत दिया गया है कि दिल्ली में भाजपा के “मोदी के शेरों में से एक” को मुख्यमंत्री के रूप में चुना जा सकता है।
- भाजपा ने दावा किया है कि दिल्ली के मतदाता सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की जगह भाजपा सरकार लाने के लिए तैयार हैं।

आम आदमी पार्टी पर हमला
- गीत में आम आदमी पार्टी की आलोचना करते हुए इसे “आपदा” और “चोर” जैसे शब्दों से संबोधित किया गया है।
- पार्टी ने दिल्ली के विकास में आप सरकार की विफलताओं पर सवाल उठाए हैं।
भाजपा का चुनाव प्रचार और अन्य गीत
- इससे पहले, भाजपा ने ‘बहने नहीं बदलाव चाहिए, दिल्ली में भाजपा की सरकार चाहिए’ शीर्षक वाला एक और प्रचार गीत लॉन्च किया था।
- यह गीत भाजपा सांसद मनोज तिवारी द्वारा गाया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिवर्तन रैली में प्रस्तुत किया गया था।

प्रधानमंत्री का संवाद कार्यक्रम
- पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को “मेरा बूथ सबसे मजबूत” कार्यक्रम के तहत दिल्ली भाजपा के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया।
- इस सत्र में प्रधानमंत्री ने रणनीतिक सुझाव दिए और कार्यकर्ताओं को भाजपा के संदेश और विजन को हर घर तक पहुंचाने के लिए प्रेरित किया।
- इस कार्यक्रम में दिल्ली के 13,033 बूथों से पार्टी कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
चुनावी कार्यक्रम
- मतदान की तारीख: 5 फरवरी 2025
- मतगणना: 8 फरवरी 2025
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भाजपा ने अपने प्रचार गीत और संदेश के जरिए मतदाताओं के बीच अपनी योजनाओं और मुद्दों को केंद्रित किया है। पार्टी का फोकस दिल्ली में डबल इंजन सरकार बनाने, क्षेत्रीय समस्याओं को हल करने, और सत्तारूढ़ पार्टी पर सवाल उठाने पर है। अब यह देखना बाकी है कि यह रणनीति कितनी प्रभावी साबित होती है।