दो अलग-अलग मामलों में न्यायालय के फैसले और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए गए हैं। पहले मामले में, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अर्चना सागर की अदालत ने एक व्यक्ति को अपनी 10 वर्षीय भतीजी से दुष्कर्म के आरोप में 20 साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा, आरोपी पर 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।

दूसरे मामले में, देहरादून के एक क्षेत्र में रेप के बाद जमानत पर छूटे एक व्यक्ति पर पीड़िता को धमकाने का आरोप लगाया गया है। पीड़िता के परिजनों ने बताया कि आरोपी पड़ोस का ही लड़का है और उसने 13 वर्षीय पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को जेल भेजा था, लेकिन वह जमानत पर छूट गया और अब पीड़िता के घर के आसपास घूम रहा है।
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पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया है कि आरोपी उन्हें परेशान कर रहा है और एक जनप्रतिनिधि के परिजनों पर समझौता करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया गया है। यह मामला एक बार फिर से पुलिस और न्यायपालिका की कार्रवाई पर सवाल उठाता है।