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देवर की प्रताड़ना बनी चार लोगों की मौत की वजह? पत्नी के बयान ने बदली जांच की दिशा

सागर (मध्य प्रदेश)
मध्य प्रदेश के सागर जिले में चार लोगों की सामूहिक आत्महत्या के मामले ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। खुरई थाना क्षेत्र के टीहर गांव में एक ही परिवार के चार सदस्यों—पिता, मां, बेटी और बेटे—की मौत की गुत्थी पुलिस अभी तक सुलझा भी नहीं पाई थी कि मृतक की पत्नी ने चौंकाने वाला बयान देकर मामले को उलझा दिया है।

मृतक मनोहर लोधी की पत्नी द्रोपदी लोधी ने अपने देवर सुरेंद्र लोधी पर दो साल से शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना देने का गंभीर आरोप लगाया है। द्रोपदी का दावा है कि सुरेंद्र की धमकियों और लगातार टॉर्चर से तंग आकर ही पूरे परिवार ने यह खौफनाक कदम उठाया।

घटना की पृष्ठभूमि: एक साथ चार जानें गईं

यह हृदयविदारक घटना 25 जुलाई को सामने आई थी, जब मनोहर लोधी (उम्र लगभग 45 वर्ष), उनकी वृद्ध मां फूलरानी लोधी, बेटी शिवानी और बेटा अनिकेत ने सामूहिक रूप से आत्महत्या कर ली थी। शुरुआती जांच में घर से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ था, जिसमें मनोहर ने अपनी संपत्ति तीनों भाइयों में बांटने की बात लिखी थी और अपनी पत्नी द्रोपदी को किसी भी हिस्से से वंचित रखने की बात कही थी। इससे पुलिस को पहली नजर में पत्नी पर संदेह हुआ था।

पत्नी के मायके में होने ने बढ़ाया संदेह

घटना के वक्त द्रोपदी अपने मायके में थी। जब उसे परिवार की मौत की खबर मिली, तब वह तुरंत गांव लौटी। पुलिस ने शुरुआत में उसके बयान को सामान्य माना, लेकिन बाद में जब उसने खुलकर अपने देवर सुरेंद्र पर प्रताड़ना के आरोप लगाए, तो पूरा मामला एक नया मोड़ ले गया।

द्रोपदी ने बताया कि,

“सुरेंद्र हमें लगातार जान से मारने की धमकी देता था। वह फोन करके घर उजाड़ने की बातें करता था। पति-पत्नी में जो भी झगड़े होते, वह सुरेंद्र के कारण ही होते थे। कई बार मैंने मनोहर को रोते देखा, लेकिन वह खुलकर कुछ नहीं बोलता था।”

पुलिस के लिए बना चुनौतीपूर्ण मामला

द्रोपदी के इस बयान के बाद पुलिस अब दो धाराओं में सोच रही है। एक ओर जहां सुसाइड नोट में पत्नी को ही संपत्ति से अलग रखने की बात कही गई थी, वहीं दूसरी ओर अब प्रताड़ना और मानसिक तनाव की नई कहानी सामने आ गई है।

खुरई थाना प्रभारी के मुताबिक:

“हमने सुसाइड नोट को पहले आधार मानते हुए जांच की थी, लेकिन अब द्रोपदी के बयान को गंभीरता से लिया जा रहा है। सुरेंद्र से पूछताछ की जा रही है। कॉल रिकॉर्ड, पारिवारिक संबंध और पुरानी शिकायतों की भी जांच की जा रही है।”

गांव में पसरा मातम, रिश्तेदारों में आक्रोश

टीहर गांव में अब भी मातम पसरा हुआ है। एक ही परिवार के चार लोगों की मौत ने पूरे गांव को हिला दिया है। गांववालों का कहना है कि मनोहर का परिवार शांत और मेहनती था। किसी को अंदेशा नहीं था कि ऐसा कदम उठाया जाएगा।

रिश्तेदारों ने भी सुरेंद्र के व्यवहार को लेकर नाराजगी जताई है। कुछ का कहना है कि संपत्ति विवाद और अंदरूनी तनाव लंबे समय से चल रहा था, जिसे हल्के में लिया गया और अब इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी।

इंसाफ की उम्मीद

इस पूरे मामले ने एक बार फिर घरेलू प्रताड़ना, संपत्ति विवाद और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को चर्चा में ला दिया है। अब जबकि मृतक की पत्नी ने खुलकर देवर के खिलाफ बयान दिया है, पुलिस के लिए यह जांच अग्निपरीक्षा बन गई है।

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परिवार के बचे हुए सदस्यों और ग्रामीणों को अब इंसाफ की उम्मीद है। सवाल यह भी उठता है कि अगर समय रहते प्रताड़ना के संकेतों को गंभीरता से लिया गया होता, तो शायद चार ज़िंदगियाँ बचाई जा सकती थीं।

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