नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल स्कूल जॉब्स फॉर कैश घोटाले में कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए 2016 में हुई करीब 25,000 शिक्षकों और नॉन-टीचिंग स्टाफ की नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस चयन प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर हेरफेर और धोखाधड़ी हुई थी, जिससे इसकी वैधता समाप्त हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
मुख्य न्यायाधीश सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा:
“यह पूरा चयन प्रक्रिया ही दूषित है। इसमें बड़े स्तर पर हेरफेर और धोखाधड़ी हुई है। इसकी वैधता और विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है। हमें हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने की कोई वजह नहीं दिखती।”
महत्वपूर्ण बिंदु:
✅ सभी नियुक्तियां रद्द – सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया।
✅ जो वेतन मिला, वो लौटाना होगा – कोर्ट ने कहा कि भ्रष्ट तरीके से चयनित उम्मीदवारों को वेतन और अन्य भुगतान वापस करने होंगे।
✅ बेदाग उम्मीदवारों को राहत – जो उम्मीदवार धोखाधड़ी में सीधे तौर पर शामिल नहीं थे, उन्हें फिर से आवेदन करने की अनुमति दी जाएगी।
✅ नौकरी से निकाले गए, लेकिन वेतन वापस नहीं देना होगा – जिन उम्मीदवारों ने अपनी नौकरी शुरू कर दी थी, उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं, लेकिन उन्हें अब तक मिले वेतन की वापसी नहीं करनी होगी।
✅ वरिष्ठता और वेतन वृद्धि बरकरार – बेदाग उम्मीदवारों के लिए कोर्ट ने निर्देश दिया कि उनकी पिछली सेवा को ‘ब्रेक इन सर्विस’ नहीं माना जाएगा, और उनकी वरिष्ठता और वेतन वृद्धि बरकरार रहेगी।

क्या था मामला?
2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) के तहत करीब 25,000 शिक्षकों और नॉन-टीचिंग स्टाफ की भर्ती हुई थी। बाद में भर्ती घोटाले का खुलासा हुआ, जिसमें आरोप लगे कि नौकरियों के लिए पैसे लिए गए थे। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया को अवैध करार देकर रद्द कर दिया था। राज्य सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है।
आगे क्या होगा?
➡️ राज्य सरकार को तीन महीने के भीतर बेदाग उम्मीदवारों के दोबारा आवेदन पर कार्रवाई करनी होगी।
➡️ रद्द की गई नियुक्तियों के बाद रिक्त पदों को भरने के लिए नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी होगी।
➡️ भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों और उम्मीदवारों पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
यह भी पढ़ें:- जयपुर जिला कलेक्ट्रेट को बम से उड़ाने की धमकी, मॉकड्रिल निकली अफवाह
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से पश्चिम बंगाल सरकार को तगड़ा झटका लगा है। इस फैसले के बाद भर्ती घोटाले में दोषी पाए गए उम्मीदवारों की नौकरी जा चुकी है, और कुछ को वेतन भी लौटाना होगा। वहीं, बिना गड़बड़ी चयनित उम्मीदवारों को फिर से आवेदन करने का मौका मिलेगा।